चेन्नई। आईआईटी-मद्रास ने आज अंबेडकर-पेरियार स्टडी सर्किल (एपीएससी) की मान्यता फिर से बहाल कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना के बाद आईआईटी-मद्रास ने इस छात्र संगठन की मान्यता समाप्त कर दी थी, जिसका देश भर में कड़ा विरोध हुआ। रविवार को छात्र संगठन के प्रतिनिधियों और संस्थान के डीन के बीच हुई बैठक के बाद एपीएससी को फिर से मान्यता देने का ऐलान किया गया है। इस तरह पिछले कई दिनों से चला आ रहा विवाद अब खत्म हो गया है।
इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की भी तीखी आलोचना हो रही थी। रविवार को हुई बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि जिन दिशानिर्देशों के तहत छात्र संगठन की मान्यता रद्द की गई, वह दिशानिर्देश विवादस्पद बैठक के चार दिन बाद जारी किए गए थे। छात्र समूह के साथ हुई बैठक के बाद आईआईटी-मद्रास के निदेशक ने अंबेडकर-पेरियार स्टडी सर्किल पर लगा प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया है। एपीएससी के सदस्य अखिल के मुताबिक, हमारी कई मांगे मान ली हैं। संस्थान ने एपीएससी को फिर से स्वतंत्र छात्र समूह के तौर पर मान्यता दी है।
आईआईटी मद्रास द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि छात्रों के डीन ने एपीएससी की एक स्वतंत्र छात्र निकाय के रूप में मान्यता को बहाल कर दिया है। एपीएससी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद प्रोफेसर मिलिंद ब्रमे को इसका फैकल्टी सलाहकार के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है।