एनपीपीए की नई कीमत सीमा से जिन कंपनियों की दवाईयों की कीमतों में कमी आएगी उनमें एबॉट हेल्थकेयर, सिप्ला, ल्यूपिन, एलेम्बिक, एलकेम लैबोरेटरीज, नोवार्तिस, बायोकॉन, इंटास फार्मास्युटिकल्स, हेतेरो हेल्थकेयर और सन फर्मास्युटिकल्स इंडस्ट्रीज शामिल हैं। अथॉरिटी के चेयरमैन भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि कई दवाईयों की कीमतों में औसतन 25 फीसदी तक रेट कट किया गया है। दवाईयों के रेट में 10 से 50 फीसदी तक की कमी की गई है।
एनपीपीए ने अपने नोटिफिकेशन में कहा कि अगर कोई कंपनी दवाई के रेट में कमी नहीं करती है और बढ़े प्राइस पर ही बेचती है तो उस पर फाइन लगाया जाएगा। कंपनी को पूरा बढ़ा हुआ प्राइस और उस पर इंटरेस्ट फाइन के रूप में जमा करना होगा। कंपनियों को इन दवाईयों की कीमतों में एक साल बाद केवल 10 फीसदी प्राइस बढ़ाने की अनुमति मिलेगी।