परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल नहीं करने संबंधी नीति पर पर्रिकर के इस बयान के बाद विरोधियों को सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है। रक्षा मंत्री पर्रिकर ने हालांकि यह भी कहा है कि यह उनकी निजी राय है। पर्रिकर ने बयान में साफ कहा कि भारत को परमाणु हमले के पहले इस्तेमाल करने वाली नीति से नहीं बंधना चाहिए। बयान का यह मतलब है कि अगर आवश्यकता पड़े तो भारत को परमाणु हथियार का पहले पहल इस्तेमाल करने में जरा भी नहीं हिचकिचाना चाहिए।
पर्रिकर ने कहा ‘देश में बहुत सारे लोग पहले परमाणु हथियार इस्तेमाल नहीं करने संबंधी नीति के बारे में कहते हैं लेकिन मुझे इस मामले में अपने आपको क्यों बांधना चाहिए? मैं तो कहता हूं कि हम एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं और मैं इसका गैर जिम्मेदाराना ढंग से इस्तेनमाल नहीं करुंगा। ये मेरी सोच है’।
हालांकि मनोहर पर्रिकर ने इसके साथ ही जोर देकर कहा कि उनके इस बयान से ये मतलब नहीं निकालना चाहिए कि सरकार ने अपनी परमाणु नीति बदल दी है। कांग्रेस ने ट्वीट कर के पर्रिकर के बयान की निंदा की है।
बाद में मामले को तूल पकड़ता देख रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इसको रक्षा मंत्री के आधिकारिक बयान के बजाय निजी राय के रूप में देखा जाना चाहिए। रक्षा मंत्री ने एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ चैनल अब यह फ्लैश चलाने लगें है कि भारत की परमाणु नीति बदल गई लेकिन ऐसा नहीं है।