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कन्हैया ने सुप्रीम कोर्ट में दी जमानत अर्जी, कल होगी सुनवाई

देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की ओर से जमानत के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई है। न्यायालय इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी। वहीं इस बीच प्रकरण में यह बात निकलकर सामने आई है कि कन्हैया पर देशद्रोह का मामला एक टीवी चैनल पर प्रसारित एक विडियो क्लिप के आधार पर दर्ज किया गया था।
कन्हैया ने सुप्रीम कोर्ट में दी जमानत अर्जी, कल होगी सुनवाई

देशद्रोह के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेजे गए जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता सोली जे सोराबजी और राजू रामचंद्रन ने न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर तथा एएम सप्रे की पीठ के समक्ष कुमार की जमानत याचिका का उल्लेख किया। वह चाहते थे कि इस पर आज ही सुनवाई हो। हालांकि, जब पीठ ने यह कहा कि वह इस पर कल विचार करेगी तो वे इस पर सहमत हो गए। कुमार ने अपनी याचिका में कहा है कि उससे हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि उसे पहले ही न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।

 

वकील अनिंदिता पुजारी के जरिए दायर याचिका में आरोपी ने खुद के निर्दोष होने का दावा किया और कहा कि उसे जेल में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा क्योंकि पुलिस उसे यहां तक कि अदालत में पेश कर पाने में भी मुश्किल का सामना कर रही है। कुमार ने कहा कि उसके जीवन को खतरा है और उसके जीवन की सुरक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।

 

वहीं जेएनयू प्रकरण पर बढ़ते गुस्से के बीच यह बात सामने आई है कि जेएनयू छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का आरोप एक हिंदी न्यूज चैनल द्वारा प्रसारित एक वीडियो क्लिप के आधार पर लगाया गया है। यह वीडियो क्लिप विश्वविद्यालय में 9 फरवरी को आयोजित एक विवादित कार्यक्रम  की थी। प्राथमिकी के अनुसार, कन्हैया पर देशद्रोह का मामला दो दिन पहले आयोजित हुए समारोह की वीडियो क्लिप चैनल से मिलने के बाद पुलिस ने 11 फरवरी को लगाया था। इस आयोजन में पुलिसकर्मी भी मौजूद थे।

 

पुलिस ने कन्हैया को 12 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उसपर आरोप लगाया गया कि उसने संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ वामपंथी छात्रों के संघ द्वारा आयोजित एक समारोह में भारत-विरोधी नारे लगाए। जेएनयू के छात्र कहते आए हैं कि कन्हैया ने कभी ऐसे आपत्तिजनक नारे नहीं लगाए। चैनल के कार्यालय से ली गई वीडियो क्लिप के आधार पर 11 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई। प्राथमिकी में कहा गया कि आयोजन में संभावित हंगामे की जानकारी जेएनयू से मिलने के बाद तीन कॉंसटेबल सादे कपड़ों में वहां भेजे गए थे।

 

 

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