पिछले चार साल से जेल में बंद आसाराम ने जोधपुर में गुरुवार को पेशी पर लाए जाने के दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से चार दिन से लगातार पूछे जा रहे सवाल के जवाब में आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी। यह पूछे जाने पर कि आप कथावाचक है या संत तो गुस्से में आसाराम ने कहा, 'गधा हूं मैं संत नहीं।'
गौरतलब है कि अखाड़ा परिषद द्वारा फर्जी बाबाओं की लिस्ट में अपना नाम आने पर मीडिया के सामने इतने दिन चुप्पी साध रखी थी, आखिरकार इस पर गुरूवार को आसाराम झल्ला उठे और आपा खोते हुए कहा कि मैं तो गधों की श्रेणी में हूं, जब दोबारा पूछा कि आपके द्वारा ऐसा कहना उचित है, क्या आप अपने को गधा कह रहे. इसके बाद कहा कि जो सही है तो कहा, मैं क्या जवाब दूं।
इस बारे में चार दिन से कोर्ट लाए जाने पर आसाराम से लगातार सवाल किए जा रहे हैं, लेकिन वे कुछ भी बोलने से कतराते रहे। आज एक बार फिर सवाल किए जाने पर वे नाराज हो गए और उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ दी।
बुधवार को आसाराम ने कहा था कि तबीयत ठीक नहीं होने के कारण मैं बोल नहीं रहा हूं और आप कहते हो कि मैं बहाने बना रहा हूं।