आउटलुक से बात करते हुए प्राधिकरण के सीईओ अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि जेपी ग्रुप और हजारों खरीददारों के बीच चल रहे विवाद को जल्द ही सुलझा लिया जाना चाहिए लेकिन यह मामला यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से जुड़ा है। उनका कहना है कि हमने जमीन यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को दी थी उसके बाद यमुना ने जमीन को जेपी ग्रुप को दी, इसलिए यमुना प्राधिकरण ही इस विवाद को देखेगा।
पल्ला नहीं झाड़ सकता है नोएडा प्राधिकरण
वहीं जेपी अमन ओनर वेलफेयर एसोसिएशन के नेता डॉ कर्नल सुनील नागरात का कहना है कि यूपी सरकार के यूपी अपार्टमेंट एक्ट के अनुसार नोएडा प्राधिकरण ही इस पुरे मामले के लिए उत्तरदायी है। उनका कहना है कि अगर वक्त रहते नोएडा प्राधिकरण अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से निभाता और जेपी पर समय से प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए दबाव बनाता तो आज यह स्थिति नहीं होती।
नोएडा सीईओ ने की बिल्डर्स से मीटिंग
इसके साथ ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घर खरीरदारों की समस्याओं को सुलझाने के लिए प्राधिकरण के सीईओ और बिल्डर्स के बीच में बुधबार को एक मीटिंग हुई। इस मीटिंग में 14 बिल्डर्स ने भाग लिया । मीटिंग के जरिए नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने बिल्डर्स से उनके सामने आ रही दिक्कतों के बारे में जानने की कोशिश की। मीटिंग के बाद सीईओ ने कहा कि मीटिंग में कई मुद्दों पर बिल्डर्स से बात हुई है और कई सुझाव सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि इसी तरह की एक और मीटिंग 18 तारीख को बुलाई गई है जिसमें सभी बिल्डर्स भाग लेंगे। सीईओ का कहना था कि प्राधिकरण चाहता है कि जल्द ही घर खरीददारों की समस्याओं का समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि नोएडा की सभी दिक्कतों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा