मध्यप्रदेश विधान सभा चुनाव से ठीक एक वर्ष पहले कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया का नाम शिवपुरी विधानसभा के वोटर लिस्ट से जुड़वा कर किसी खास रणनीति का परिचय दे डाला है।
राज्य में इसे लेकर राजनैतिक चर्चा जोरों पर है क्योंकि वर्तमान में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ और मध्यप्रदेश शासन की वरिष्ठ मंत्री यशोधरा राजे शिवपुरी विधानसभा से विधायक हैं और इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया परिवार के किसी सदस्य का नाम शिवपुरी विधानसभा की वोटर लिस्ट में नहीं था।
प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया का जन्म गुजरात के बड़ौदा के गायकवाड़ मराठा राजघराने में हुआ। उनकी शादी 1994 में ज्योतिरादित्य सिंधिया से हुई और अपने पति ज्योतिरादित्य सिंधिया के वर्ष 2001 से शिवपुरी-गुना से सांसद बनने से लेकर अब तक प्रियदर्शिनी अपने पति के संसदीय क्षेत्र में उनके साथ कई दौरे और सभाएं कर चुकी हैं पर यह पहला मौका है जब प्रियदर्शिनी का नाम मतदाता सूची में शिवपुरी शहर के वार्ड क्रमांक 38 मतदाता केंद्र क्रमांक 165, मतदाता क्रमांक 727 गृह संख्या 553 के रूप में दर्ज हुआ है। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया परिवार के किसी सदस्य का नाम शिवपुरी की वोटर लिस्ट में नहीं था।
जाहिर है मतदाता सूची में नाम दर्ज होते ही कयास लगाए जा रहे हैं कि वर्ष 2012 में फेमिना के 50 खूबसूरत महिलाओं की सूची में शामिल हो चुकीं प्रियदर्शिनी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में अपना भाग्य सक्रिय राजनीति में उस दशा में आजमा सकती हैं, अगर कांग्रेस पार्टी उनके पति ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपती है। ऐसी दशा में प्रियदर्शिनी अपने पति की सुरक्षित गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि प्रियदर्शिनी राजे की बुआ सास यशोधरा राजे भी इसी वार्ड 38 से मतदाता हैं। यह बात और है कि सिंधिया राजघराने के सदस्य दशकों से सक्रिय राजनीति में रहे हैं।
ज्योतिरादित्य की दादी स्व. राजमाता विजयाराजे सिंधिया भाजपा की वरिष्ठ नेत्री व सांसद भी रहीं तो वहीं पिता स्व. माधवराव सिंधिया गुना शिवपुरी सीट से सांसद व तत्कालीन केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। वर्तमान में ज्योतिरादित्य की बुआ वसुंधरा राजे राजस्थान की सीएम हैं तो यशोधरा राजे मध्यप्रदेश में खेल मंत्री हैं। पर देश के सबसे बड़े राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा से सक्रिय राजनीति में होते हुए भी सिंधिया परिवार के सदस्यों का चुनाव मैदान में आमना-सामना नहीं हुआ है।