केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर की स्थिति पर सोमवार को राज्यसभा में हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए जोर दिया कि आतंकवाद से सख्ती से निपटा जाएगा लेकिन भीड़ से निपटने के समय गोलियों को तुरंत इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और पहले आंसूगैस या पानी की बौछार जैसे तरीके अपनाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पेलेट गन के उपयोग पर गौर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को अधिकतम संयम बरतने का निर्देश दिया गया है और उन्होंने इस क्रम में स्वयं ही सीआरपीएफ और बीएसएफ के शीर्ष अधिकारी से बात की है। उन्होंने कहा कि मजबूरी में बल प्रयोग करना पड़े तो गैर घातक हथियारों का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि घाटी में जो हो रहा है, वह पाक प्रायोजित है। उन्होंने कहा कि इस चर्चा के बाद उनकी यह धारणा और दृढ़ हुई है कि कश्मीर में स्थिति को सामान्य बनाने के मुद्दे पर राजनीतिक सोच से ऊपर उठकर सभी राजनीतिक दल एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो कुछ भी हुआ उससे उन्हें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत पीड़ा है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए तीन सूत्रों कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत पर ध्यान देने को कहा था। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रधानमंत्री एवं उनकी सरकार भी इन्हीं सूत्रों को ध्यान में रखते हुए कश्मीर मुद्दे का हल निकालने की पक्षधर है। उन्होंने कहा कि भारत में संवदेनशीलता को दरकिनार कर कोई राजनीति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि कश्मीर की पहचान कश्मीरियत पर भी जोर देना होगा। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार की आतंकवादियों के साथ सख्ती और कश्मीर के आम नागरिकों के साथ सहानुभूति के साथ काम करने की नीति है। उन्होंने कहा कि वहां के लोगों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए वह खुद ही कश्मीर जाना चाहते थे। उन्होंने इस क्रम में मुख्यमंत्री महबूबा से बातचीत भी की और कहा कि वह अपनी यात्रा में नेहरू गेस्ट हाउस में रूकना चाहेंगे।
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि उसका नाम पाक है लेकिन उसकी सारी हरकतें नापाक हैं। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर बने इस देश में आज अलग-अलग तंजीमें आपस में लड़ रही हैं। खूनखराबा हो रहा है। वह पाकिस्तान भारत के मुसलमानों की चिंता करने का दावा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, कश्मीर में जनमत संग्रह की बात अप्रासंगिक हो चुकी है। कश्मीर का नौजवान हमारा है और बरगलाए युवकों को सही रास्ते पर लाने की कोशिश करेंगे। बुरहान वानी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह हिजबुल का कमांडर था तथा सोशल मीडिया के जरिये लोगों को आतंकवाद के लिए प्रेरित करता था। उसके खिलाफ विभिन्न जघन्य अपराधों के 15 से अधिक मामले दर्ज थे। सुरक्षाबलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर एक अभियान चलाया जिसमें वह तथा दो अन्य आतंकवादी मारे गये।