एलजी द्वारा यह आदेश सूचना और प्रसारण मंत्रालय की जांच के बाद दिया गया। इससे पहले कैग ने भी गत वर्ष ये बात उठाई थी कि सरकार के विज्ञापन के लिए 526 करोड़ का बजट पार्टी के विज्ञापन पर ज़्यादा खर्च हो रहा है ना कि सरकार के कामकाज पर।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार का विज्ञापन बजट और विज्ञापन में दिए जा रहे संदेश केजरीवाल सरकार के आने यानी बीते दो साल से चर्चा में हैं। जिनको लेकर कोर्ट में भी मामला गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार की बनाई गई तीन सदस्यीय समिति को केजरीवाल सरकार के विज्ञापन का सारा मामला भेजा गया। इस समिति में वरिष्ठ पत्रकार और संपादक रजत शर्मा भी शामिल हैं।
समिति ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने जिस तरह के संदेश विज्ञापन में दिए वह सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है इसलिए इन विज्ञापनों में जो सरकारी पैसा खर्च हुआ उसकी भरपाई आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये तीस दिन के अंदर वसूल किए जाएं।'
इसके बाद मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार के प्रचार विभाग डायरेक्टरेट ऑफ इनफार्मेशन एंड पब्लिसिटी से पूछा कि समिति ने जिस-जिस श्रेणी में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का उल्लंघन पाया है उसमें कितना खर्चा हुआ। डीआईपी ने 97 करोड़ रुपये की रकम बताई, जिसके बाद लॉ डिपार्टमेंट ने सिफारिश दी कि यह रकम पार्टी से वसूलने के लिए नोटिस दिया जाए और 30 दिन में रकम वसूली जाए। इस सिफारिश पर एलजी ने कार्रवाई के आदेश दे दिए।