लोकसभा चुनाव 2019 के एग्जिट पोल में भाजपा-एनडीए को बहुमत मिलता दिख रहा है। नतीजे 23 मई को आने हैं। विपक्षी दलों ने एक्जिट पोल के नतीजों को सिरे से नकार दिया है तथा ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी ईवीएम की सुरक्षा को लेकर कहा है कि ‘ये एक और बालाकोट की तैयारी’ है।
मुफ्ती ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया कि ईवीएम स्विच करने की खबरें लगातार आ रही हैं, लेकिन अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से कोई सफाई नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह एग्जिट पोल के बाद इस तरह की लहर बनाने की कोशिश हो रही है, ये एक तरह से दूसरे बालाकोट की तैयारी है।
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रियंका ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे न्यूज चैनलों की ओर से प्रसारित एग्जिट पोल में एनडीए को बहुमत मिलने के अनुमान पर ध्यान दें। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता स्ट्रॉन्ग रूम और मतगणना केंद्रों पर डटे रहें। कार्यकर्ताओं को जारी ऑडियो संदेश में प्रियंका ने कहा कि आप लोग, अफवाहों और एग्जिट पोल से हिम्मत मत हारिए। ये अफवाहें आपका हौसला तोड़ने के लिए फैलाई जा रही हैं। इस बीच आपकी सावधानी और भी महत्वपूर्ण बन जाती है। स्ट्रॉन्ग रूम और मतगणना केंद्रों पर डटे रहिए और चौकन्ने रहिए।
इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता चन्द्रबाबू नायडू ने कहा, 'मतगणना प्रक्रिया में कई समस्याएं हैं। चुनाव आयोग को उन सभी समस्याओं को हल करने के लिए कदम उठाना चाहिए। ईवीएम को लेकर कई तरह की अफवाहें हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि प्रिंटर्स के साथ छेड़छाड़ हो सकता है और कंट्रोल पैनल को चेंज किया जा सकता है। चुनाव आयोग ने शक की गुंजाइश दी है।'
धरने पर बैठे अफजाल
सपा और बसपा गठबंधन के प्रत्याशी अफजाल अंसारी ईवीएम बदलने के प्रयास का आरोप लगाते हुए अपने समर्थकों के साथ जंगीपुर में बनाए गए स्ट्रॉन्गरूम के बाहर सोमवार रात को धरने पर बैठ गए। खबरों के मुताबिक, जब पड़ोसी राज्य बिहार के सीमावर्ती इलाके में ईवीएम पकड़े जाने की बात सामने आई तब इस खबर के मिलते ही अफजाल समर्थकों के साथ जंगीपुर पहुंच गए। अफजाल ने आरोप लगाया कि कुछ लोग ईवीएम बदलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें प्रशासन पर विश्वास नहीं है। हम स्वयं ही ईवीएम की निगरानी करेंगे। सूचना पाकर जंगीपुर विधायक डॉक्टर वीरेंद्र भी अपने समर्थकों के साथ वहां पर पहुंच गए। जखनियां विधायक त्रिवेणी राम ने भी अफजाल का समर्थन किया है।
'बातों में उलझाने की साजिश'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि मैं एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं करती हूं। खेल ही यह है कि बातों में उलझाकर ईवीएम को बदला जाए। मैं सभी पार्टियों से अपील करती हूं कि एक साथ रहें। हम साथ मिलकर यह लड़ाई जीतेंगे।
'पूरी दुनिया में बैलेट पेपर से चुनाव'
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि एग्जिट पोल के जरिए भाजपा छोटे दलों को 23 मई के नतीजों से पहले ही लुभा रही है। उन्होंने ट्वीट किया, 'सभी विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में ईवीएम की विश्वसनीयता पर चिंता जाहिर की थी। विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और बैलेट पेपर से चुनाव की मांग की थी। इससे दोषपूर्ण ईवीएम से बचा जा सके, जिसमें फर्जीवाड़े की संभावना है। पूरी दुनिया यहां तक कि विकसित देशों में भी बैलेट पेपर से चुनाव कराए जा रहे हैं।
'असली खेल ईवीएम है'
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, 'क्या असली खेल ईवीएम है? क्या पैसे देकर एग्जिट पोल कराया गया? यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, बंगाल हर जगह भाजपा ही जीत रही है, ये कौन यकीन करेगा? सभी दल चुनाव आयोग से मिलकर वीवीपैट-ईवीएम के मिलान में गड़बड़ी पर इलेक्शन रद्द करने की मांग करें।' इसके अलावा कांग्रेसी नेता राशिद अल्वी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी एग्जिट पोल और ईवीएम पर सवाल उठाए हैं।