येचुरी ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों ने विपक्षी दलों को एकजुट होने का मौका दे दिया है क्योंकि यह भाजपा द्वारा लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पैदा की गई लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रही है और इसने जो कदम उठाए हैं उनसे स्थिति और खराब हो गई है। हाल ही में माकपा के महासचिव पद पर चुने गए वरिष्ठ नेता ने मेक इन इंडिया नारे को लेकर सरकार को आड़े हाथ लिया और कहा कि नारा मेक फोर इंडिया होना चाहिए था जिसका मतलब भारत द्वारा और भारत के लिए है।
माकपा नेता ने कहा, नीतियां काम नहीं आ सकती। मैं आपको कारण बताऊंगा। आप अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए छूट दे रहे हैं। आप अधिक निवेश करने के लिए भारतीय कोरपोरेट को भी छूट दे रहे हैं। येचुरी ने पीटीआई भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, सरकार जो तर्क देती है और यही तर्क पूर्व में मनमोहन सिंह सरकार ने भी दिया था कि बड़े पैमाने पर निवेश से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और उससे अर्थव्यवस्था में काफी वृद्धि होगी। लेकिन इस तर्क में एक बड़ी भारी खामी है, इसलिए यह काम नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि यदि यह निवेश आता भी है तो यह केवल तभी सार्थक होगा जब यह उत्पादन सेक्टर में आए। ऐसा न हो कि यह भारत में उत्पादन क्षमताओं का सृजन किए बिना हमारे संसाधनों को लूटने और अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए आए।