केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के 92,000 से अधिक कर्मचारियों ने हाल में घोषित स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिए आवेदन किया है। फिलहाल बीएसएनएल में 1.50 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। प्रसाद का कहना है कि यदि कर्मचारी इस विकल्प को चुनते हैं तो इससे कंपनी के वेतन मद में दिए जाने वाले करीब 7000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में एमटीएनएल और बीएसएनएल के विलय को मंजूरी दी है। एमटीएनएल दिल्ली-मुंबई में सेवाएं देती है जबकि देश के अन्य भागों में बीएसएनएल काम करता है।
कर्मचारियों की लागत है ज्यादा
पुनरुद्धार के प्रयासों के तहत, वीआरएस को दोनों दूरसंचार कंपनियों के कर्मचारियों के लिए पेश किया गया था। वीआरएस के आवेदन जमा करनाने की अंतिम तिथि 3 दिसंबर थी। दोनों ही कंपनियों की कर्मचारी लागत ज्यादा है। प्रसाद ने का कि दोनों ही कंपनियां सरकार की रणनीतिक संपत्तियां हैं और हम इन्हें और अधिक पेशेवर, लाभदायक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कश्मीर या तमिलनाडु की बाढ़ हो या ओड़िशा का चक्रवात, बीएसएनएल ने हमेशा निशुल्क सेवाएं दी हैं।
आपदा में निशुल्क सेवाएं देता है बीएसएनएल
कैबिनेट ने 4 जी सेवाएं प्रदान करने के लिए बीएसएनएल और एमटीएनएल स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन को मंजूरी दी है। दूरसंचार मंत्री ने कहा, “अखिल भारतीय आधार पर 4 जी सेवाओं के रोलआउट के साथ, बीएनएसएल / एमटीएनएल डेटा-केंद्रित बाजार में उच्च गति मोबाइल इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा जो ग्राहक के अनुभव को और बेहतर बनाएगा।”
जद (यू) के सदस्य राजीव रंजन सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में कॉल ड्रॉप्स और खराब कनेक्टिविटी के बारे में चिंता जताते हुए कहा कि अगर कोई एमटीएनएल नेटवर्क पर 50 बार कोशिश करता है, तो यह केवल 5 बार कॉल कनेक्ट होता है। इसके जवाब में प्रसाद ने कहा कि इसके लिए टेक्निकल अपग्रेडेशन की जरूरत है।