मुंबई में एलफिन्सटन स्टेशन हादसे के बाद एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे विवाद खड़ा हो गया है। भगदड़ में मारे गए अपने परिजनों के शवों की तलाश के लिए लोग इधर-उधर भटक रहे हैं, ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने शवों के माथे पर नंबर लिख दिए और फिर उनकी फोटो को पब्लिक डिस्पले के लिए सौंप दिया।
फोटो में मारे गए लोगों के शव दिखाए गए हैं और इन शवों के माथे पर उनकी शिनाख्त के लिए नंबर चिपकाए गए हैं। शवों को इस तरह से सार्वजनिक करने और उन पर नंबर चिपका देने को लेकर अस्पताल प्रशासन की जमकर आलोचना हो रही है। प्रशासन पर न केवल शवों बल्कि अपने परिजनों को खोने वाले लोगों के प्रति भी भारी संवेदनहीनता माना जा रहा है।
मृतकों के परिजन केईएम अस्पताल की इस असंवेदनशील पर नाराज हैं। असंवेदनशील रवैये को लेकर निशाने पर आए केईएम अस्पताल ने दावा किया है कि अराजकता की स्थिति से बचने के लिए ऐसा किया गया था। अस्पताल प्रशासन ने कहा कि मृतकों की तस्वीरों को फ्लेक्स बोर्ड पर लगाया गया था कि लोग आसानी से अपने परिजनों की पहचान कर सकें।
अस्पताल प्रशासन के इस संवेदनहीन रवैये की सोशल मीडिया पर भी तीखी आलोचना की जा रही है। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'क्या केईएम अस्पताल ने मृतकों की पहचान और उनकी गिनती करने के लिए माथे पर नंबर लिख दिए?' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'भगदड़ दु;खद है! लेकिन उससे भी दु;खद है मृतकों के शवों के साथ अस्पताल प्रशासन द्वारा किया गया बर्ताव।'