राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील और महत्वपर्ण अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद मुस्लिम पक्ष ने पहली बार अपनी बात रखी है। उसने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में फैसला देते वक्त देश के भविष्य और बहुधर्म और बहुसंस्कृति के सिद्धांत को ध्यान में रखना चाहिए। फैसले का असर आने वाली पीढ़ियों पर भी होगा।
मुस्लिम पक्ष ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि शीर्ष अदालत का फैसला कुछ भी हो, उसका असर आने वाली पीढ़ियों पर भी पड़ेगा। इसका देश की राजनीति पर भी व्यापक असर होगा। कोर्ट का फैसला उन लाखों लोगों के मन पर असर पड़ेगा जो इस देश के नागरिक हैं और जो 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र घोषित होने के समय अपनाए गए संवैधानिक मूल्यों पर विश्वास करते हैं।
पांच अधिवक्ताओं ने जारी किया संयुक्त बयान
पांच अधिवक्ताओं एजाज मकबूल, शकील अहमद सैयद, एम. आर. शमशाद, इरशाद अहमद और फुजैल अहमह अयूबी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम उम्मीद करते हैं कि अदालत इस मुद्दे का समाधान निकालते वक्त बहुधर्म और बहुसंस्कृति के मूल्यों को सबसे ऊपर रखेगा।
अगले महीने आएगा फैसला
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई पूरी कर चुकी है और फैसला अगले महीने आने की उम्मीद है। इस पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई कर रहे थे। वे अगले महीने रिटायर होने वाले है। इसलिए इस पर फैसले उनके रिटायर होने से पहले आ जाएगा।