नजमा ने कहा, जिंदगी में उनका सिद्धांत रहा है कि उन्होंने किसी दूसरे की भावनाओं को आहत नहीं किया। उन्होंने कहा कि ‘आपने अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं के बारे में बात की तो क्या हमें बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं के बारे में नहीं सोचना चाहिए।‘
वह सेंटल वक्फ भवन के उद्घाटन के मौके पर पत्रकारों से बातचीत कर रहीं थीं। इस दौरान उनसे कुछ राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध के संदर्भ में सवाल पूछा गया था। नजमा ने कहा कि ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनकी गाय के लिए खास भावनाएं हैं और बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं का भी सम्मान होना चाहिए।
उन्होंने कहा, आखिरकार खाने में क्या है ? आप कुछ भी खा सकते हैं। लेकिन अगर एक चीज खाने से आपको रोका जाता है तो आपको आहत क्यों महसूस करना चाहिए? दूसरों की भावनाओं को आहत करके आप इसे खाते हैं तो यह उचित नहीं है। मेरा यह मानना है।
नजमा ने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व की सरकार ने हमेशा अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं के बारे में बात की। परंतु हमें अपने पड़ोसी की भावनाओं के बारे में भी बात करनी चाहिए।