केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार मिजोरम की दो दिवसीय यात्रा पर आए रिजिजू ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा था कि वैसे राज्य जहां हिंदू बहुसंख्यक हैं वहां गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बना सकते हैं लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों पर इसे थोपा नहीं जा सकता, जहां बहुसंख्य लोग गोमांस खाते हैं। उन्होंने बीफ खाने वालों के पाकिस्तान जाने संबंधी मुख्तार अब्बास नकवी के हालिया बयान को अस्वीकार्य बताया। हालांकि, रिजिजू ने कहा कि नकवी अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल कर रहे थे।
क्या कहा था रिजिजू ने
मंगलवार शाम मीडिया में आई खबरों के अनुसार, मिजोरम की राजधानी में पत्रकार वार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में रिजिजू ने कहा था कि "मैं बीफ खाता हूं, मैं अरुणाचल प्रदेश से हूं, क्या कोई मुझे रोक सकता है? इसलिए हमें दूसरों की आदतों के प्रति भावनात्मक नहीं होना चाहिए।" हालांकि, बाद में रिजिजू ने कहा कि उनके बयान को मीडिया ने गलत तरीके से पेश किया।
क्या थे नकवी के बोल
पिछले हफ्ते अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बीजेपी शासित दो राज्यों- महाराष्ट्र और हरियाणा में गोहत्या और बीफ पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का बचाव किया था। एक निजी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नकवी ने कहा था, यह घाटे या फायदे का मुद्दा नहीं है। यह आस्था और विश्वास का मुद्दा है। यह हिन्दुओं के लिए एक भावनात्मक मुद्दा है। जो बीफ के बिना नहीं रह सकते, वह पाकिस्तान या अरब देशों अथवा दुनिया के उन हिस्सों में जा सकते हैं, जहां यह उपलब्ध है।
गलत तरीके से पेश हुआ बयान- रिजिजू
बीफ पर बयान के तूल पकड़ने के बाद गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने कहा है कि मीडिया में उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया है। जब सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वे बीफ खाने के लिए पाकिस्तान जाएंगे। तब उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश और खानपान की आदत को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता। लेकिन हिंदु बहुल राज्यों में हिंदु आस्था और भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।