राजधानी दिल्ली में सोमवार से ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू होगा या नहीं, इस पर शनिवार यानी आज नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) का फैसला आ चुका है। एनजीटी ने सोमवार से शुरू होने वाले ऑड-ईवन फॉर्मूला को लागू करने के लिए हरी झंडी दे दी है। इस फॉर्मूले को मंजूरी देने के साथ ही एनजीटी ने दिल्ली सरकार के सामने कुछ शर्तें भी रखी हैं।
एनजीटी ने आज सुनवाई के दौरान कुछ शर्तें रखते हुए ऑड-ईवन को मंजूरी दी। ट्रिब्यूनल ने कहा कि इस दौरान किसी भी अधिकारी, दो पहिया वाहनों और महिलाओं को छूट नहीं दी जाएगी। इस दौरान एनजीटी ने यह भी पूछा कि आप लोगों के ऊपर ज्यादा पार्किंग चार्ज लगाकर क्या हासिल करना चाहते हैं?
#FLASH: National Green Tribunal gives nod to the #OddEven scheme. #Delhi pic.twitter.com/zfL3204gh9
— ANI (@ANI) November 11, 2017
#FLASH: Giving nod to the Odd Even scheme, NGT directs 'no exemption' for two wheelers, govt servants or women #Delhipollution pic.twitter.com/LVXQlWx38L
— ANI (@ANI) November 11, 2017
नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने कहा कि ये बहुत दु:ख की बात है कि आप कोर्ट के पुराने आदेश नहीं पढ़ते हैं। दिल्ली सरकार ने बताया है कि गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण में दो पहिया गाड़ियों का योगदान 30 फीसदी है। इस पर कोर्ट को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बताया है कि दो पहिया गाड़ियां मिलाकर 4 पहिया पेट्रोल गाड़ियों से ज्यादा प्रदूषण करती हैं। आपने किस वैज्ञानिक आधार पर दो पहिया गाड़ियों को छूट दी है।
एनजीटी ने शनिवार को ऑर्ड-ईवन मामले को लेकर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार से कहा कि हमको वो लेटर दिखाएं, जिसमें आप ऑड-ईवन लागू करने की बात कह रहे हैं, जिसके आधार पर इसे लागू करने का निर्णय लिया गया था और क्या इसके लिए एलजी की मंजूरी ली गई थी।
राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल में सुनवाई न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ में हुई। इस केस में दिल्ली सरकार के वकील तरुण वकील तरुणवीर केहर हैं। सुनवाई के दौरान एनजीटी ने एक बार फिर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने के पीछे क्या तर्क है और पिछले दिनों हवा की गुणवत्ता की स्थिति खराब होने पर इसे क्यों नहीं लागू किया गया। एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा कि टू-व्हीलर को स्कीम से क्यों बाहर रखा गया है और इनसे निकलने वाले धुएं का क्या असर होगा।
इस दौरान सीपीसीबी ने प्रस्तुत किया कि उन्होंने दिल्ली सरकार को इस समस्या के बारे में पहले ही मौखिक रूप से चेतावनी दे दी थी, जिसे दिल्ली सरकार ने इनकार कर किया। एनजीटी ने केंद्र और दिल्ली सरकार से एक बड़े शहर का नाम मांगा है, जहां पीएम 10 का स्तर 100 से कम रहा।
सुनवाई के समय एनजीटी ने कहा, उसके धैर्य की जांच नहीं की जानी चाहिए। ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार से पूछा कि जब आंकड़े बताते हैं कि बारिश प्रदूषण के स्तर में गिरावट लाती है, तो क्यों नहीं कार्रवाई की गई? एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा, तो हमें यह मानना चाहिए कि केजरीवाल सरकार ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने के बाद प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाने का यकीन करती है और इस दौरान नागरिकों के लिए कोई असुविधा नहीं होगी?
NGT asks Delhi government to show the letter on basis of which this decision was taken, and whether the LG's approval was taken for the same. NGT asked the Delhi government to state how many times does a person breathe in a day #OddEven
— ANI (@ANI) November 11, 2017
NGT asks Delhi Government the rationale behind applying the odd even scheme, and why it wasn't applied when the air quality situation was worse
— ANI (@ANI) November 11, 2017
Central Pollution Control Board submitted that they had warned the Delhi government orally in advance about the impending problem, which the Delhi government denied.
— ANI (@ANI) November 11, 2017
NGT observed that its patience shouldn't be tested, asking the Delhi government that when the statistics have indicated that rain leads to a fall in pollution levels, why wasn't action taken ? It's now being taken after the Tribunal said so.
— ANI (@ANI) November 11, 2017
राजधानी में छाई धुंध की चादर के बीच दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन फॉर्मूले पर तलवार लटकती नजर आ रही है। इससे पहले NGT ने प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने के लिए दिल्ली सरकार के फैसले पर तीखे सवाल दागे हैं। ट्राइब्यूनल ने कहा है कि जवाबों से संतुष्ट होने पर ही इसकी इजाजत दी जाएगी। ऐसे में यदि एनजीटी दिल्ली सरकार के जवाबों से संतुष्ट नहीं हुई, तो इस फैसले को रद्द किया जा सकता है। वहीं, शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में धूप निकलने से प्रदूषण का स्तर 20 पॉइंट गिर गया था।
बता दें कि बढ़ते धुंध के कारण 64 ट्रेनें देरी से चल रही हैं और दो ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा 14 ट्रेनों का वक्त बदल दिया गया है। दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, जिससे लोगों को काफी परेशानियां हो रही हैं।
एनजीटी की दिल्ली सरकार को फटकार
एनजीटी ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए आगामी 13 से 17 नवंबर तक ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने के फैसले को लेकर फटकार लगाई थी। एनजीटी ने कहा, पिछले एक साल में आपने (दिल्ली सरकार) कुछ नहीं किया। एनजीटी का यह बयान तब आया जब गुरुवार को अरविंद केजरीवाल ने 13 से 17 नवंबर तक ऑड-ईवन स्कीम लागू करने के ऑर्डर दिए थे।
एनजीटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कभी इस योजना (ऑड-ईवन) को लागू करने की बात नहीं कही। सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने प्रदूषण को रोकने के लिए 100 उपायों का सुझाव दिया था, लेकिन आपने हमेशा ऑड-ईवन को ही चुना। दिल्ली सरकार को इस फॉर्मूला को लागू करने का स्पष्टीकरण देना होगा, तभी यह फॉर्मूला लागू होगा।
ट्रिब्यूनल ने कहा था, जब हालात थोड़े सुधर रहे हैं तो सरकार ऑड-ईवन लागू करने की कोशिश कर रही है। अगर आप चाहते तो इसे थोड़ा पहले लागू कर सकते थे। अब इसे लागू करने से लोगों को परेशानी होगी।