नेशनल ग्रीन हाईवेज मिशन के मिशन निदे्शक ए.के. भट्टाचार्य ने बताया कि ग्रीन हाईवेज, प्लांटेशन एंड ब्यूटिफिकेशन पॉलिसी -2015 को सफलता से लागू करने के लिए इस मिशन पर काम किया जा रहा है। इसके तहत देश के एक लाख किलोमीटर हाईवेज में पौधारोपण किया जाएगा। दस वर्ष के अंदर दस करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। लगभग 1.62 लाख हेक्टेयर जमीन को हरा-भरा किया जाएगा। भट्टाचार्य ने यह भी बताया कि कोई भी पौधा ऐसे ही नहीं लगा दिया जाएगा बल्कि वातावरण, स्थान और मिट्टी की सेहतनुसार लगाया जाएगा। ज्यादातर लुप्त हो रही प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। अभी तक 3,000 किलोमीटर में पौधारोपण किया जा चुका है। मार्च के महीने तक 3,000 किलोमीटर और कवर कर लिया जाएगा।
नेशनल ग्रीन हाईवेज मिशन को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तहत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है। इसका मकसद राजमार्गों के दोनों ओर हरे गलियारे विकसित करना है ताकि प्रदूषण रहित पर्यावरण और समावेशी विकास सुनिश्चित किया जा सके। उक्त तीन दिवसिय संगोष्ठी का उद्देश्य उन तकनीकी बातों पर चर्चा का भी है जिसके जरिये प्रदूषण पर काबू पाया जा सके। इस संगोष्ठी की अहमियत दिल्ली में प्रदूषण के हालातों के बीच और बढ़ जाती है।
दिल्ली में प्रदूषण में आई अचनाक वृद्धि पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जहाजरानी राज्य मंत्री मंसुख लाल मंडाविया ने किसानों से आग्रह किया कि वे राष्ट्रीय राजमार्ग को हरा-भरा करने और उसके रखरखाव में आगे आएं। मंडाविया ने कहा कि दिल्ली का बढ़ा प्रदूषण स्तर सूचक है कि कैसे हमने गल्ती से सदियों पुरानी भारतीय आयुर्वेदिक परंपराओं को छोड़कर यूरोपिय औद्योगिक मॉडल को अपनाया और प्रकृति से दूर हो गए। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सदर राघव चंद्रा ने सूचित किया कि कई भारतीय कंपनियों ने सीएसआर, पीपीपी मॉडल के तहत नेशनल ग्रीन राजमार्ग परियोजना का समर्थन करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शोध को बढ़ावा देने और उत्कृष्टता विकसित करने के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम शुरू किया जा चुका है। जिसमें विश्व बैंक, आईएनबीएआर और टेरी प्रमुख हैं।