राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जयपुर में रविवार को संविधान बचाओ मार्च का नेतृत्व किया। इस मार्च में करीब तीन लाख लोगों ने हिस्सा लिया और कानून को वापस लेने की मांग की। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए कानून के विरोध में कई दिन प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था।
समाज के विभिन्न वर्गों और दलों के लोग शामिल
विरोध करने के लिए तमाम राजनीतिक दलों के लोग बड़ी संख्या में सामने आए। इनमें सीपीआइ, सीपीआइ-एम, आप, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकतल और जनता दल सेक्यूलर के कार्यकर्ता शामिल थे। इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदाय, सिविल सोसायटी, बुद्धजीवियों और युवाओँ ने मौन यात्रा में हिस्सा लिया। जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि इस मार्च में करीब तीन लाख लोगों ने हिस्सा लिया। मार्च शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया।
हिंदू राष्ट्र बना तो क्या एकजुट रह पाएगा भारतः गहलोत
जयपुर के गांधी सर्किल में भीड़ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने नागरिकता कानून और एनआरसी जैसे फैसलों के लिए भाजपा, आरएसएस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी और शाह का एजेंडा देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भारत हिंदू राष्ट्र बनता है तो क्या वह एकजुट रह पाएगा। मोदी का राष्ट्रवाद खोखला है। लोग उनकी इस चाल को समझ चुके हैं।