कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है।पिछले करीब एक हफ्ते से दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान जुटे हुए हैं। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बीते कल बातचीत भी हुई, मगर उसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। लिहाजा किसानों ने कहा है कि उनका आंदोलन तबतक जारी रहेगा, जबतक कि ये कानून वापस नहीं हो जाते हैं। वहीं सरकार ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही है, तीन दिसंबर को फिर से चर्चा होगी। वहीं इस बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है।
प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी मांगें मानने तक आंदोलन से पीछे हटने से इनकार कर दिया है। ऐसे में सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर समेत अन्य स्थान जो किसानों का जमावड़ा है वो लगातार जारी रहेगा। साथ ही पंजाब और हरियाणा के किसानों ने ज्यादा संख्या में दिल्ली कूच की बात कही है। यानी आने वाले दिनों में किसानों की संख्या बढ़ सकती है। यूपी सीमा पर तैनात किसान पहले ही अस्थाई घर बनाने की बात कह चुके हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सदस्य ने कहा कि हमारी जो कल बैठक हुई उसमें सरकार ने एक कमेटी बनाने की बात कही,लेकिन हमने पहले भी देखा है कि देश में कुछ भी घपला होता है तो उसके लिए कमेटी बनती है लेकिन आज तक किसी भी कमेटी का हल नहीं निकला इसलिए हमारी मांग है कृषि कानूनों को जल्दी रद्द किया जाए।
बता दें कि मंगलवार को करीब 35 किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बैठक हुई। इसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल समेत अन्य नेता शामिल रहे। किसानों को एमएसपी पर प्रेजेंटेशन दी गई, साथ ही मंडी सिस्टम को लेकर जानकारी दी गई। हालांकि, किसानों का एक ही प्रश्न रहा कि क्या सरकार एमएसपी को कानून का हिस्सा बनाएगी। जब बातचीत समाप्त हुई तो कोई ठोस हल नहीं निकल सका। जिसके बाद किसानों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।
आज पंजाब-हरियाणा से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली कूच कर सकते हैं। जिसको देखते हुए दिल्ली पुलिस मुस्तैद हो गई है, पुलिस ने बॉर्डर पर पहले ही सुरक्षा बढ़ाई हुई है जिसे और भी सख्त किया जा रहा है। सीमाओं पर वाहनों की जांच में कठोरता बरती जा रही है, जिससे किसान किसी तरह राजधानी में ना दाखिल हो पाएं।