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न राशन कार्ड, न ही खाने के लिए भोजन, झारखंड में भूख से तीन दिन में दो मौतें

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में भूख से मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है। पिछले तीन दिनों में ही झारखंड...
न राशन कार्ड, न ही खाने के लिए भोजन, झारखंड में भूख से तीन दिन में दो मौतें

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में भूख से मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है। पिछले तीन दिनों में ही झारखंड में कथित तौर पर भूख से मौत के दो मामले सामने आए हैं। ताजा मामला चतरा जिले के प्रेम नगर इलाके का है जहां एक महिला की मौत हो गई। परिवार का दावा है कि महिला की मौत भूख की वजह से हुई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मृतक महिला के बेटे का दावा है कि पैसों की कमी की वजह से उसकी मां ने बीते दस दिनों से कुछ भी नहीं खाया था। मृतक महिला कूड़ा बीनने का काम करती थी और उसी के सहारे अपना रोजी-रोटी चलाती थी।

झारखंड में भूख से मौत की एक और घटना दो दिन पहले भी सामने आई थी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रविवार को गिरिडीह जिले के दुमरी इलाके में 58 वर्षीय महिला की कथित तौर पर भुखमरी से मृत्यु हो गई। मृतक की पहचान सावित्री देवी के रूप में हुई है।

दुमरी के एमओ शीतल प्रसाद ने बताया कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण, महिला का राशन कार्ड नहीं बनाया जा सका, यही कारण है कि वह राशन पाने में असमर्थ थी। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"

 अपनी सास की मृत्यु के बाद, सरस्वती देवी ने कहा कि राशन कार्ड के लिए कई बार अनुरोध किया गया था लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।

 उन्होंने कहा, "सावित्री देवी को तीन दिन से खाना नहीं मिला था। दोनों बेटे किसी भी तरह से बाहर काम करके रोजी-रोटी चलाते हैं।”  

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, दुमरी के विधायक जगरनाथ महतो ने कहा कि ये घटना बहुत चिंता का विषय है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण महिला की मृत्यु हो गई। महतो ने यह भी कहा कि यह मुद्दा विधानसभा में उठाया जाएगा।

देश में भूख से मौत की घटनाएं अक्सर सुनने में आती है। खासतौर पर झारखंड के लिए यह कोई नई बात नहीं हैै। लेकिन चिंता की यह गंभीर काली रेखा है जिसे मिटाने की जरुरत है।  पिछले साल अक्टूबर महीने में झारखंड के सिम्डेगा जिले में 11 साल की संतोषी की मौत हो गई थी। संतोषी की मां कोयली देवी ने कहा था कि आधार से राशन कार्ड लिंक न होने के कारण उन्हें राशन नहीं मिला और उनकी बेटी ने भूख से दम तोड़ दिया। 

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