सीपीआई नेता डी राजा ने कहा, “अगर मोदी सरकार ने इस फैसले को रद्द नहीं किया तो देश में गृहयुद्ध जैसे हालात हो सकते हैं।” उन्होंने कहा कि सड़क पर गाय का काटा जाना इस फैसले के खिलाफ गुस्से के चरम का इजहार है। सरकार को लोगों के खाने की पसंद तय करने का कोई हक नहीं है।
डी राजा ने सेनाध्यक्ष बिपिन रावत के उस बयान को भी गलत बताया जिसमें उन्होंने कश्मीरी युवक को जीप पर बांध मानव ढाल बनाने के मेजर गोगोई के फैसले का समर्थन किया था। डी राजा ने जनरल रावत को नसीहत दी कि उन्हें विवादित बयानों से बचना चाहिए। उनके मुताबिक सेना के किसी भी अफसर को राजनीतिक बयान नहीं देना चाहिए।
केरल के बाद तमिलनाडु में भी बीफ फेस्ट
इधर केरल के बाद तमिलनाडु में भी केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में बीफ पार्टी का आयोजन किया गया। जानकारी के अनुसार आईआईटी कैम्पस में करीब 50 छात्रों ने बीफ पार्टी की। वहीं राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी डीएमके के नेता एमके स्टालिन भी 31 मई को बैन के विरोध में चेन्नई में प्रदर्शन करेंगे।