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वन रैंक, वन पेंशनः एक और पूर्व सैनिक आमरण अनशन पर

आंदोलन समाप्त करने के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के सुझाव को दरकिनार करते हुए वन रैंक, वन पेंशन योजना को लागू करने का सरकार पर दबाव बनाने के लिए शुरू किए गए आमरण अनशन में आज एक और वरिष्ठ पूर्व सैनिक शामिल हो गए।
वन रैंक, वन पेंशनः एक और पूर्व सैनिक आमरण अनशन पर

इसके साथ इस मुद्दे को लेकर आमरण अनशन पर बैठने वाले वरिष्ठ पूर्व सैनिकों की संख्या तीन हो गई है। अनशन के दूसरे दिन यूनाइटेड फ्रंट आफ एक्स सर्विसमेन (यूएफईएसएम) के मीडिया सलाहकार कर्नल अनिल कौल (सेवानिवृत) ने कहा,  हवलदार अशोक चौहान भी वन रैंक, वन पेंशन के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। जंतर-मंतर पर लोगों ने उन्हें ऐसा नहीं करने को मनाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं मान रहे हैं।

वन रैंक, वन पेंशन के मुद्दे पर आंदोलन को तेज करने के लिए जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों में से दो ने कल आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा की थी। बहरहाल, यूएफईएसएम ने एक बयान में कहा कि उनकी सलाहकार परिषद ने 16 अगस्त को पर्रिकर से उनके आवास पर भेंट की थी और  मंत्री ने 24 अगस्त तक आमरण अनशन स्थगित करने का सुझाव दिया था क्योंकि वह इस बारे में 23 अगस्त को प्रधानमंत्री से मिलने वाले हैं और इस जटिल समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। बयान में कहा गया है कि सलाहकार परिषद ने वरिष्ठ सैनिकों से आमरण अनशन को टालने का सुझाव दिया है लेकिन वे पूर्व सैनिकों की समस्याओं को सरकार द्वारा नजरंदाज करने के कारण इस विषय पर काफी प्रतिबद्ध थे और उन्होंने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया।

इसमें कहा गया है कि  जिस तरह से जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे बुजुर्ग एवं वरिष्ठ पूर्व सैनिकों के साथ सरकार, पुलिस और एनडीएमसी ने बर्ताव किया, उससे उनकी नाराजगी और बढ़ी है। पूर्व सैनिकों की मांग है कि गलती करने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। इन्होंने मांग की है कि शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों के खिलाफ बर्बर कार्रवाई का आदेश देने वाले अधिकारी को निलंबित किया जाए।

 

इस मुद्दे पर भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन से जुड़े लेफ्टिनेंट बलबीर सिंह (सेवानिवृत) और मेजर जनरल सतबीर सिंह ने प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव नृपेन्द्र मिश्रा से मुलाकात की। सतबीर ने कहा कि आज सुबह प्रधानमंत्री कार्यालय में मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा,  हमने तीन चीजों की मांग की। पहली यह कि एक रैंक, एक पेंशन की परिभाषा पूर्ववत रहनी चाहिए। हमने वन रैंक, वन पेंशन लागू करने की तिथि के बारे आश्वासन मांगा और यह भी कहा कि इसके प्रभावी होने का समय एक अप्रैल, 2014 होगा, जैसा फैसला सरकार ने किया था। कर्नल कौल (सेवानिवृत) ने कहा कि मिश्रा ने आग्रह किया है कि जो तीन लोग आमरण अनशन पर बैठे हैं, उनसे ऐसा नहीं करने का आग्रह किया जाए। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें बताया कि यह व्यक्तिगत निर्णय है और सदस्यों को अनशन छोड़ने के लिए मनाने का प्रयास किया जा रहा है।

 

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