कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा कि एक तरफ पीएम मोदी रघुराम राजन के काम की तारीफ करते हैं लेकिन दूसरी तरफ वह सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों से सहमत होकर उन्हें अलविदा भी कह देेते हैं। यह एक तरह से विरोधाभास ही है। उन्होंने कहा, आज हमारी अर्थव्यवस्था एक एेसे समय से गुजर रही है, जिसे स्थिरता की आवश्यकता है। एेसे में राजन को बने रहने की आवश्यकता थी।
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पाकिस्तान को लेकर कोई समग्र नीति नहीं है। पाक पर कूटनीति को गंभीरता, संजीदगी की जरूरत है, न कि ड्रामेबाजी की। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, कोई भी पाकिस्तान से बातचीत के खिलाफ नहीं है लेकिन हमने उनसे :मोदी: जो सवाल किया है, वह विपक्ष को विश्वास में नहीं लेने के बारे में हैं। उन्होंने कहा कि कूटनीति को ड्रामेबाजी की नहीं, बल्कि गंभीरता और संजीदगी की आवश्यकता है। माकपा नेता बृंदा करात ने केंद्र पर यह कहकर निशाना साधा कि उसके पास पाकिस्तान को लेकर कोई समग्र नीति नहीं है।उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ आतंकी समूहों को नि:संदेह रूप से प्रोत्साहित करते रहे पड़ोसी से निपटने के लिए गंभीर कूटनीतिक पहल के मुकाबले यह असल में शो आधारित नीति है। बृंदा ने कहा, एक दिन आप कहते हैं कि आप पाकिस्तान को मटियामेट कर देंगे। दूसरे दिन आपके गृहमंत्री :राजनाथ सिंह: ने कहा कि आप पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली गोलियों को नहीं गिनेंगे। लेकिन नवाज शरीफ से मिलने प्रधानमंत्री पाकिस्तान चले गए थे।
कांग्रेस और माकपा की तरफ से टिप्पणी मोदी के यह कहे जाने के एक दिन बाद आई है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत के भारत के प्रयासों का सर्वोच्च मकसद शांति है, लेकिन बलों को जवाब देने की पूरी आजादी है जिस तरह वे चाहें जवाब दे सकते हैं।