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म्यांमार से 1 लाख 23 हजार रोहिंग्या शरणार्थियों ने पलायन किया: रिपोर्ट

साल 2002 में हुई हिंसा के बाद एक लाख से अधिक रोहिंग्या बांग्लादेश के शिविरों में रहने को मजबूर हैं।
म्यांमार से 1 लाख 23 हजार रोहिंग्या शरणार्थियों ने पलायन किया: रिपोर्ट

ब्रिक्स सम्मेलन के लिए चीन दौरे के बाद सुरक्षा और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पहली बार म्यांमार पहुंचे हैं। इस यात्रा के दौरान मोदी दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग स्थापित कर आतंकवाद को खत्म करने रोडमैप तैयार करने पर चर्चा करेंगे। नरेंद्र मोदी बुधवार को म्यांमार की स्टेट काउंसिलर आंग सान सू की से भी मुलाकात करने वाले हैं। माना जा रहा है कि मोदी इस मुलाकात में रखाइन प्रांत में रोहिंग्याओं पर हो रही हिंसा का मुद्दा उठा सकते हैं।

वहीं म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ लगातार हिंसा हो रही है। उनका पलायन हो रहा है। इसी क्रम में म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर एक रिपोर्ट आई है। यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूनाइटेड नेशन्स हाई कमिश्नर फॉर रेफ्यूजीज (UNHCR) की है।

रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार में हिंसा के चलते बांग्लादेश पलायन करने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 1,23,000 है, जो पहले सोची गई संख्या से कहीं अधिक है।

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर की प्रवक्ता विवियन तान ने कहा है कि पलायन करने वालों की संख्या 87,000 होने का कल अनुमान लगाया गया था लेकिन संशोधित संख्या 1,23,000 है। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि 36,000 नये शरणार्थी पिछले 24 घंटों में प्रवेश किए हैं। फिर भी यह संख्या काफी चिंताजनक है।

हजारों लोग रोजाना जंगलों और धान के खेतों से होते हुए बांग्लादेश में सुरक्षित पहुंच रहे हैं। अन्य लोग दोनों देशों को के बीच स्थित नदियों को पार कर रहे हैं। हालांकि, इस कोशिश में कई लोग डूब भी गए हैं।

रोहिंग्या समुदाय का ताजा पलायन 25 अगस्त को शुरू हुआ जब रोहिंग्या उग्रवादियों ने म्यांमार की पुलिस चौकियों पर हमला किया, जिस पर सुरक्षा बलों को इसके जवाब में अभियान चलाना पड़ा। गौरतलब है कि म्यांमार में साल 2002 में हुई हिंसा के बाद एक लाख से अधिक रोहिंग्या बांग्लादेश के शिविरों में रहने को मजबूर हैं।

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