पाकिस्तान की पांच सदस्यीय संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) मंगलवार को भारतीय अधिकारियों के साथ पठानकोट वायुसेना स्टेशन पहुंची और वहां के चुनिंदा क्षेत्रों का अवलोकन किया। जांट दल उसी रास्ते से हवाई अड्डे के अंदर घुसा जहां से दो जनवरी को आतंकवादी घुसे थे। पाकिस्तानी संयुक्त जांच दल की टीम के साथ एनआईए के अधिकारी भी थे जिन्होंने हवाई अड्डे के पिछले हिस्से से वहां प्रवेश किया। दल के सदस्यों को अपर दोआब नहर के पास रोक दिया गया जहां से उन्होंने एक मिनी बस से कच्चे रास्ते से यात्रा की। अधिकारियों ने बताया कि टीम को केवल अपराध स्थल तक ले जाया गया जहां सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी और पूरी प्रक्रिया की वायुसेना के दो कर्मियों ने वीडियोग्राफी की।
इस बीच पाकिस्तान के जांच दल के पठानकोट दौरे को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पठानकोट में काले झंडे के साथ प्रदर्शन किया और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी विरोध मार्च निकाला। विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए आप नेता संजय सिंह और कपिल मिश्रा भी पहुंचे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां और काले झंडे ले रखे थे तथा वह वायुसेना स्टेशन के बाहर नारे लगा रहे थे जहां बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। आप और कांग्रेस के प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत सरकार आतंकी हमले की जांच के लिए भारत की धरती पर पाकिस्तान की टीम को अनुमति देकर भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है। दिल्ली की आप सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा भी पठानकोट में थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी जेआईटी को वायुसेना स्टेशन में आने की अनुमति देना शर्मनाक और घृणित है। मिश्रा ने कहा, 35 साल में पहली बार हम यह कह रहे हैं कि आईएसआई आतंकवाद का समर्थन नहीं कर रही है। जिन लोगों ने हमारे लोगों को मारा, वही लोग यहां आए हैं, यह अत्यंत शर्मनाक और घृणित है। उन्होंने कहा, यह हमारी भारत मां का अपमान है। हम मोदी सरकार को यह नहीं करने देंगे।
पहली बार किसी आतंकवादी मामले की जांच के सिलसिले में पाकिस्तानी टीम ने देश का दौरा किया है और उसे रणनीतिक प्रतिष्ठान तक ले जाया गया है। पाकिस्तानी जेआईटी का नेतृत्व पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक (आतंकवाद निरोधक विभाग) मोहम्मद ताहिर राय कर रहे हैं जिसमें आईएसआई के लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी तनवीर अहमद भी हैं। अधिकारियों ने बताया कि इलाके की इस तरीके से बैरीकेडिंग की गई कि रक्षा उपकरण नहीं दिखें। सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि पाकिस्तानी टीम को वायुसेना स्टेशन में सीमित पहुंच ही उपलब्ध कराई जाएगी और एनआईए की टीम उन्हें चुनिंदा जगहों पर लेकर जाएगी। वायुसेना स्टेशन के भीतर नारंगी और नीले रंग की तिरपालें लगी हुई देखी गईं जो संवेदनशील और महत्वपूर्ण जगहों को पाकिस्तानी टीम की नजरों से दूर रखे जाने का संकेत प्रतीत होता है। पठानकोट वायुसेना स्टेशन में चार आतंकवादी एक जनवरी की सुबह अंदर घुसे थे और उसी रात उन्होंने आतंकवादी हमला किया था। 80 घंटे तक आतंकवादियों के साथ चली मुठभेड़ में सात सुरक्षाकमर्मी शहीद हुए थे।