काटजू कांधार विमान अपहरण के दौरान भारत के मुख्य वार्ताकारों में शुमार किया गया था। तब वह विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान डेस्क के प्रमुख थे। वह कहते हैं,'कश्मीर की किसी भी हिंसा की घटना के पीछे पाकिस्तान की साजिश होती है।’ कश्मीर घाटी में हाल की घटनाओं, खासकर श्रीनगर एनआईटी एवं एक अन्य संस्थान में कश्मीरी और बाहरी छात्रों के बीच भिड़ंत, हंदवाड़ा में आतंकी मुठभेड़ की खबरें और पठानकोट में पाकिस्तानी संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के दौरे के नतीजों के बारे में उनका मानना है, ‘तमाम स्थितियों की पुख्ता जांच हर एंगल से होनी चाहिए। तभी बातें स्पष्ट होंगी।’ ध्रुवीकरण के बारें में उन्होंने कहा, ‘जम्मू का धार्मिक रंग और घाटी का धार्मिक रंग किसी से छुपा नहीं है। जिस इलाके में जिस धर्म के लोगों का बोलबाला होगा, वहां ध्रुवीकरण नई बात नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है, देश की राजनीति नई करवट ले रही है और जम्मू-कश्मीर प्रांत इससे अछूता नहीं रह सकता। इस वक्त केंद्र में सत्ताधारी भाजपा की कोई वहां बड़ी योजना है- ऐसा मुझे नहीं लगता।’
हर घटना के पीछे पाकिस्तान : विवेक काटजू
भारतीय विदेश सेवा के 1975 बैच के अफसर रहे विवेक काटजू के अनुसार, 'कोई भी राजनीतिक दल भारत में सत्ता में आए, वह कश्मीर को लेकर ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करेगा। कश्मीर का मसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। कश्मीर के विभिन्न इलाकों में अलग तरह का धार्मिक झुकाव दिखता है लेकिन कोई भी राजनीतिक दल घाटी में या पूरे जम्मू एवं कश्मीर में किसी तरह के ध्रुवीकरण की कोशिश नहीं करेगा।’

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