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रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पेश की नई रक्षा खरीद नीति

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज बहुप्रतीक्षित नई रक्षा खरीद नीति पेश की। प्रक्रिया जारी करते हुए उन्होंने कहा कि इससे सेनाओं के लिए साजो-सामान की खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, काम तेजी से हो सकेगा। साथ ही उन्होंने दावा किया कि इससे सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को बल मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पेश की नई रक्षा खरीद नीति

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पणजी से 50 किलोमीटर पर बेतुल-नाक्यूरी गांव में चार दिन की रक्षा प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) से मेक इन इंडिया के एजेंडा को आगे बढ़ाया जा सकेगा और साथ ही इससे भारत के रक्षा उद्योग नेटवर्क के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नई डीपीपी से अधिक पारदर्शिता आएगी और मंजूरियों में तेजी लाई जा सकेगी। डीपीपी को अभी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन डाला गया और 15 दिन में इसकी मुद्रित प्रतियां उपलब्ध करा दी जाएंगी।

 

पर्रिकर ने कहा कि विदेशी कंपनियों द्वारा पूर्व में जताई गई चिंताओं को इस नीति के जरिये अगले तीन से चार महीने में दूर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि नई नीति में एक नई भारतीय डिजाइन, विकसित तथा विनिर्मित (आईडीडीएम) श्रेणी पेश की गई है जिससे स्थानीय इकाइयों को फायदा होगा। मंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि रक्षा क्षेत्र में स्वत: मंजूर मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया गया है। पर्रिकर ने कहा कि रक्षा निर्यात मंजूरियां ऑनलाइन दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि नीति में स्टार्ट अप इंडिया पहल को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में हर साल बदलाव आ रहा है और भारत में इसका इस्तेमाल अपने रक्षा उत्पादन में करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि नई नीति से दुनिया भारत में आ रहे प्रौद्योगिकी बदलाव का फायदा ले पाएगी।

 

इस मौके पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु, आयुष मंत्री श्रीपद नाइक, रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह तथा गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकान्त पर्सेकर भी मौजूद थे। रक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि नई डीपीपी से भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी और हम रक्षा उपकरणों की खरीद देश में ही कर सकेंगे। इस बीच, डेफएक्सपो इंडिया का नौंवा द्विवार्षिक संस्करण गोवा में शुरू हो गया है। इसका आयोजन रक्षा मंत्रालय कर रहा है। डेफएक्सपो में 47 देशों की एक हजार से अधिक कंपनियां भाग ले रही हैं। पर्रिकर ने इससे पहले कहा था कि नई ब्लैकलिस्टिंग नीति (काली सूची में डालने की नीति) अगले महीने अलग से जारी की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो पहले से ब्लैकलिस्ट हैं उन्हें कोई रियायत नहीं दी जाएगी और रिश्वत देने वालों को सजा मिलेगी।

 

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