संसोधन के तहत प्रधानमंत्री यात्रा के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा के लिए नया पैरा डाल दिया गया है। हाल की घटनाओं में रैलियों या मीटिंग में मंचों के ढहने की घटनाए बढ़ी हैं। सुरक्षा एजेंसियों को भी इस तरह के इनपुट मिले हैं जिसके चलते सुरक्षा कड़ी करने का फैसला लिया गया है। जिसके चलते अब अस्थाई ढांचे के इस्तेमाल के लिए सीबीडब्ल्यूडी से लिखित में हरी झंडी मिलना जरूरी कर दिया गया है। इसके बाद फायर विभाग द्वारा जांच की जाएगी। अभी तक अस्थाई ढांचे की जांच के लिए कोई प्रोटोकॉल नहीं था। नए संसोधन के तहत प्रधानमंत्री की जानकारी मिलने के बाद जिला मजिस्ट्रेट या सक्षम अधिकारी इस जगह का निरीक्षण करेंगे जहां प्रधानमंत्री का कार्यक्रम होगा। दिल्ली में व्यवस्था की निगरानी का जिम्मा डीसीपी पीएम सिक्योरिटी करेंगे। गृहमंत्रालय ने इस बारे में राज्य के मुख्य सचिवों व डीजीपी को निर्देश जारी कर दिए हैं। कार्यक्रम से पहले फायर विभाग से जारी किया पत्र लेना जरूरी होगी।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा होगी कड़ी, अस्थाई ढांचे के लिए फायर से लेनी होगी मंजूरी
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक न हो, इसके लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। किसी भी सार्वजनिक बैठकों में स्टेज, तंबू, मंच या किसी अस्थाई ढांचे के इस्तेमाल से पहले उसकी गहन जांच होगी। फायर विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद ही इन्हें इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को प्रोटोकॉल देने वाली ब्लू बुक में संसोधन कर दिया है।
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