गौरतलब है कि पीएमओ में यह बैठक 5 जून को हुई थी और इसमें पीएम के साथ-साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली और कैबिनेट सचिव के अलावा पीएमओ और वित्त मंत्रालय के उच्च अधिकारी मौजूद थे। यह बैठक करीब 2 घंटे चली थी और बैठक के बाद जारी पीएमओ के बयान में प्रधानमंत्री के हवाले से कहा गया था कि 1 जुलाई के जीएसटी का आना देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।इसके साथ ही पीएम ने कहा था कि दुनिया आज अलग तरह से भारत को देख रही है, और हमारे लिए यह एक अनूठा अवसर है जिसको खोना नहीं चाहिए। इसके साथ ही पीएमओ के बयान में कहा गया था कि पीएम ने सचिवों से वैश्विक अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए एक तंत्र विकसित करने को कहा है ।
आरटीआई कानून का दिया हवाला
पीएमओ ने अपने जवाब में कहा कि मांगी गयी सूचना राज्य के आर्थिक हितों से जुड़े है जो आरटीआई की धारा 8(1) के तहत छूट के दायरे में आती है। इसलिए मीटिंग की जानकारियां नहीं दी जा सकती हैं। गौरतलब है कि सूचना के अधिकार के तहत उन सूचनाओं को प्रकट नहीं किया जा सकता है जिनसे देश की संप्रभुता और अखंडता, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों पर प्रतिकूल असर पड़ता हो।