मध्यप्रदेश के धार जिला पुलिस ने पिछले महीने से अनूठा अभियान शुरू किया है। जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में चलित थाने का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न गांवों में थाना लगाकर पीड़ितों की समस्याएं सुनी जा रही है और स्थानीय स्तर पर दूर की जा सकने वाली समस्याओं का तुरंत निराकरण किया जा रहा है। अब तक चलित थानों के माध्यम से पुलिस के सामने 500 से ज्यादा समस्याएं आई, जिसमें से लगभग दो तिहाई समस्याओं का समाधान तुरंत ही कर दिया गया। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में आने वाले सुदूरवर्ती गांवों में चलित थाना लगाया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर कहते हैं, ‘दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी-छोटी बातों को लेकर आपसी विवाद होते हैं। पुलिस का हस्तक्षेप नहीं होने पर कई मामले कार्यवाही में नहीं आते हैं। ऐसी स्थिति में इन छोटी-छोटी घटनाओं से परेशान होकर पीड़ित जिला मुख्यालय के चक्कर काटकर परेशान होते हैं फिर भी उनका निराकरण समय पर नहीं होता है और इन कारणों से हत्या जैसे गंभीर अपराध भी घटित हो जाते हैं। ऐसे मामलों के तुरंत निराकरण के लिए जिले में चलित थाने का आयोजन किया जा रहा है।’
चलित थाना में राजस्व विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि भी बैठते हैं, जिसकी वजह से उनके विभाग से संबंधित मामले उन्हें दे दिया जाता है या फिर उनसे उनका समाधान करने के लिए कहा जाता है। चलित थानों में भूमि विवाद, गाली-गलौज, पारिवारिक विवाद, जमीन पर कब्जा, मारपीट, पड़ोसियों द्वारा तंग करना, शराब दुकान से परेशानी एवं थानों में सुनवाई नहीं होने जैसे मामले आ रहे हैं।