प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी एशिया में राजनीतिक, सुरक्षा और व्यापार संबंधित मुद्दों के समाधान को लेकर पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन को पूरा समर्थन देने और उसके साथ काम करने की आज प्रतिबद्धता जताई। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन एक मजबूत क्षेत्रीय समूह बन चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद मनीला (फिलीपींस) से भारत के लिए लौट रहे हैं।
PM Narendra Modi departs for India from #Manila, #Philippines pic.twitter.com/TnzhzTTKiq
— ANI (@ANI) November 14, 2017
इससे पहले समूह के नेताओं के वार्षिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत चाहता है कि इस क्षेत्र में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की भूमिका और बड़ी हो। मोदी ने कहा, ‘‘हम चाहते है कि आने वाले वर्ष में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की अहमियत आर बढे। मैं क्षेत्र में राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों के समाधान को लेकर आपके साथ काम करने को प्रतिबद्धता दोहराता हूं।’’
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन एक प्रमुख मंच है। वर्ष 2005 की शुरूआत में गठित समूह ने पूर्वी एशिया के रणनीतिक, भू-राजनीतिक और आर्थिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में 10 आसियान देशों के अलावा चीन, जापान, कोरियाण गणराज्य, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस शामिल हैं।
I look forward to a befitting culmination of the commemorative year and receiving you at the India-ASEAN Special Commemorative Summit on 25 January 2018 in New Delhi: PM Modi at 15th India-ASEAN Summit in #Manila pic.twitter.com/VxRHd8BnAl
— ANI (@ANI) November 14, 2017
मोदी ने कहा कि आसियान ने ऐसे से काम शुरू किया जब वैश्विक विभाजन अधिक था लेकिन यह आज उम्मीद की किरण के रूप में चमक रहा है। उन्होंने आसियान को शांति और समृद्धि का प्रतीक बताया।
सम्मेलन में नेता आतंकवाद, अफगानिस्तान की स्थिति और उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल परीक्षण समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।