जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा में हुई हिंसा को लेकर कई सदस्यों द्वारा सरकार की आलोचना के बीच राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि केंद्र या राज्य की ओर से कोई चूक हुई है।’ हरियाणा सरकार को उम्मीद थी कि समुदाय के नेताओं के साथ हो रही बातचीत से कोई समाधान निकल आएगा। लेकिन बातचीत सफल नहीं हुयी और आंदोलन हिंसक हो गया जिसमें बीएसएफ के जवानों को गोलियां चलानी पड़ी और तीन लोगों की मौत हुई।
सिंह राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि उस दौरान हरियाणा सरकार और केंद्र के बीच अच्छा समन्वय था और दोनों के पदाधिकारी एक दूसरे के निरंतर संपर्क में थे। आंदोलन से पहले और उस दौरान प्रदेश सरकार को समय समय पर खुफिया जानकारी मुहैया करायी गयी और केंद्र ने 19 फरवरी को एक परामर्श पत्र भी जारी किया था।
कुछ सदस्यों द्वारा राज्य सरकार पर पूरी तरह से नाकाम रहने का आरोप लगाए जाने को खारिज करते हुए सिंह ने कहा कि पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह के नेतृत्व में एक समिति गठित की गई है जो विभिन्न पहलुओं पर गौर करेगी।
उन्होंने अब तक की गयी कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि 2012 प्राथमिकी दर्ज की गयी है और 370 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा राजकीय रेल पुलिस जीआरपी ने 20 मामले दर्ज किए हैं।