राजस्थान सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि राजस्थान का विशेष पिछड़ा वर्ग (राज्य के शिक्षण संस्थानों तथा राज्य के अधीन होने वाली नियुक्तियों तथा पदों पर आरक्षण कोटा) अधिनियम, 2015 (अधिनियम संख्या 32) 16 अक्टूबर से प्रभावी हो गया है।
इस अधिनियम के तहत गुज्जर, बंजारा, राईबाड़ी और गडिया लोहार जातियों को नौकरी तथा शिक्षण संस्थानों में 5 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। अनारक्षित कोटे से एसबीसी को पांच प्रतिशत आरक्षण देने तथा आर्थिक पिछड़े वर्ग (ईबीसी) को 14 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए 22 सितंबर को विधानसभा में दो अलग-अलग विधेयक पारित किए गए थे जिस वजह से आरक्षित कोटे की 50 प्रतिशत सीमा पार कर गई थी और विवाद खड़ा हो गया था।
ईबीसी से जुड़े दूसरे विधेयक को अभी राजस्थान के राज्यपाल की मंजूरी नहीं मिल पाई है। सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि यह दुखद है कि यह जानते हुए भी भाजपा सरकार ने ‘हास्यास्पद प्रयास’ किया है कि संविधान में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।