नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि हिंदु समुदाय के लिए राम मंदिर बनाया जाना जरूरी है। इसे राम जन्मभूमि स्थल पर ही बनाया जाना चाहिए। मोहन भागवत इस मुद्दे पर अतीत में भी बोलते रहे हैं। कई मौकों पर उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को जमकर तैयारी करनी चाहिए और यह मंदिर उनके (भागवत) जीवन काल में ही बन जाना चाहिए।
भागवत के अनुसार, यह मुद्दा राजनीति से भी जुड़ा है। कुछ स्वार्थी तत्व नहीं चाहते कि इस मुद्दे का कोई ढंग का हल निकले। मंदिर बन जाने से ऐसे तत्वों का राजनीतिक भविष्य खत्म हो जाएगा। पहले वडोदरा और उसके बाद नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रमों में कहा कि वसुधैव कुटुंबकम की भावना दुनिया भर में फैलाने के लिए राम मंदिर का निर्माण जरूरी है।
ऐसे वक्त में जब अधिकांश राजनीतिक पार्टियां उत्तर प्रदेश के चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं, मोहन भागवत द्वारा उठाए गए इस मुद्दे को अहम माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी में शामिल कुछ लोग राम मंदिर निर्माण की मांग उठाने लगे हैं। हालांकि, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस मुद्दे को कानूनी रूप से सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। राज्यसभा के सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अयोध्या विवाद के मुकदमे पर जल्द फैसला दिए जाने की अपील की है।