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रामदेव ने दिए जेएनयू नहीं जाने के संकेत

योग गुरू रामदेव ने आज संकेत दिया कि वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का अपना दौरा रद्द कर सकते हैं, जहां उन्हें मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया है। वहीं विश्वविद्यालय ने एक छात्र समूह की आमंत्रण वापस लेने की मांग ठुकरा दी है।
रामदेव ने दिए जेएनयू नहीं जाने के संकेत

रामदेव को बुलाने का विरोध कर रहे छात्राें ने इसे जेएनयू पर दक्षिणपंथियों को मूक हमला करार दिया है। विभिन्‍न राजनैतिक दलों ने भी रामदेव को 30 दिसंबर को संबोधन के लिए जेएनयू में बुलाए जाने की आलोचना की है।

इस मुद्दे पर रामदेव ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, मैंने और मेरे कार्यालय ने जेएनयू में किसी परिचर्चा या कार्यक्रम की पुष्टि नहीं की है। अगर वक्त होता तो मैं अपने वैचारिक रूझान के बावजूद स्पष्ट, वैज्ञानिक और तार्किक चर्चा के लिए निश्चित तौर पर जाता। निकट भविष्य में जब भी संभव होगा जेएनयू में छात्राें और संकाय के साथ बात करना पसंद करूंगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि रामदेव की तरफ से आमंत्रण को लेकर अस्वीकृति या स्वीकार के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। आयोजन समिति के सदस्य जेएनयू के प्रोफेसर जीएन झा ने कहा, योग के क्षेत्र में रामदेव ने जो गुणवत्तापूर्ण काम किया है, उसे देखते हुए उन्हें आमंत्रित किया गया। प्रशासन का किसी राजनीतिक जुड़ाव को समर्थन देने का इरादा नहीं है। छात्राों को अपना विरोध दर्ज कराने का अधिकार है लेकिन रामदेव को आमंत्रित करने के रूख पर हम कायम हैं।

हालांकि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ का कहना है कि जेएनयू जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय को यह शोभा नहीं देता कि वह एेसी सवालिया पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को विद्वानों की सभा को संबोधित करने के लिए बुलाए। छात्राें ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से 22वीं इंटरनेशनल कांग्रेस आॅफ वेदांता में शामिल होने के लिए योग गुरू को दिया गया आमंत्रण वापस लेने के लिए कहा और एेसा नहीं करने पर विरोध प्रदर्शन के प्रति आगाह किया है।

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, बाबा रामदेव एक विवादास्पद शख्सियत और कारोबारी हैं। उनके और उनके संगठन की गतिविधियों के बारे में अतीत में कई तरह के सवाल उठते रहे हैं। उन्होंने सवाल किया , सरकार रेलवे, सेना यहां तक कि संसद में रामदेव को एक तरह से तरजीह दे रही है जहां पतंजलि के बिस्कुट बेचे जा रहे हैं। सवाल यह है कि इस तरह की ख्याति क्या उचित है? जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा , जेएनयू केवल भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर एक प्रख्यात संस्थान है। यह ज्ञान का केंद्र है और रामदेव जैसे लोगों की यहां जगह नहीं है। गौरतलब है कि जेएनयू के सेंटर फाॅर संस्कृत स्टडीज ने इंस्टीट्यूट आॅफ एडवांस्ड साइंसेज, डर्टमाउथ अमेरिका और सेंटर फोर इंडिक स्टडीज, यूनिवर्सिटी आॅफ मैसाचुसेट्स की भागीदारी से 27 दिसंबर से तीन दिवसीय वेदांत सम्मेलन का आयोजन किया है। रामदेव को 30 दिसंबर को संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया है। 

 

 

 

 

 

 

 

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