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एससी,एसटी उत्पीड़न पर सख्त होगा कानून

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ उत्पीड़न करने, उनका सामाजिक या आर्थिक बहिष्कार करने समेत उनको अपमानित करने वाली कार्रवाईयों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के प्रावधानों वाला एक कानून कल से प्रभावी होने वाला है।
एससी,एसटी उत्पीड़न पर सख्त होगा कानून

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण संशोधन कानून, 2015 के अनुसार एससी और एसटी समुदाय के लोगों के बाल, मूंछ काटने या इस तरह की अन्य कार्रवाईयों को अब अपराध माना जाएगा। इस कानून के तहत एससी, एसटी लोगों को सिंचाई की सुविधा या वन अधिकारी नहीं देने, चप्पलों की माला पहनाने, शवों और मृत जानवरों को ढोने या उनको ठिकाने लगाने के लिए मजबूर करने या कब्र खोदने, मैला ढोने, एससी या एसटी महिला को देवदासी बनाने और जाति के नाम पर गाली देने को भी अपराध माना जाएगा।

 

सामाजिक या आर्थिक बहिष्कार करने, एससी या एसटी महिला का कपड़ा उतारने, इन समुदाय के लोगों पर घर, गांव और निवास छोड़ने का दबाव डालने या यौन संकेत करने को भी अपराध माना जाएगा। वोटिंग से जुड़ी गतिविधियों, जिसके तहत किसी खास उम्मीदवार को वोट देने या नहीं देने के लिए कहना, को भी अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।

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