रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल करार मामले में मीडिया में छपी खबर को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथों खेल रही है और उनका इसमें निजी स्वार्थ छिपा है। सीतारमण ने कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी सदन में अपने बयान में साफ किया था कि राफेल मामले में कुछ भी गलत नहीं हुआ है। तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रक्षा मंत्रालय के नोट पर कहा था कि कोई चिंता की बात नहीं है।
रक्षा मंत्री का यह बयान लोकसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के विरोध-प्रदर्शन के बाद आया। विपक्षी दलों का कहना था कि रक्षा मंत्रालय ने राफेल डील के दौरान ने पीएमओ द्वारा फ्रांस से 'समानांतर' बातचीत का विरोध किया था। रक्षा मंत्री ने लोकसभा में कहा, “वे मृत घोड़े को मार रहे हैं। समय-समय पर किसी समझौते के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी मांगना हस्तक्षेप नहीं है।”
रक्षा मंत्री ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हाथों खेल रहे हैं और उनका निजी स्वार्थ है। वे भारतीय वायुसेना के हितों के लिए काम नहीं कर रहे हैं।
सीतरमण ने मीडिया में छपी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अधिकारी के नोट पर कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है। सबकुछ सही चल रहा है। रिपोर्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा समझौते में दखल पर तत्कालीन रक्षा सचिव की असहमति का जिक्र किया गया था।
निर्मला सीतारमण ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी यूपीए के कार्यकाल में पीएमओ को चला रही थीं। उन्होंने पूछा, “क्या वह हस्तक्षेप नहीं था?”
उधर, केंद्रीय मंत्री प्रकास जावड़ेकर ने भी राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए उन पर हमला बोला। जावड़ेकर ने कहा, “राहुल गांधी लगातार झूठ बोल रहे हैं। हम उनके आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं।” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस राफेल डील को रद्द कराने के लिए काम कर रहे हैं।