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कांग्रेस का पहला अध्यक्ष, जिसने दो बार ब्रिटिश पार्लियामेंट जाने का असफल प्रयास किया

कांग्रेस पार्टी का इतिहास इस देश के बड़े हिस्से का इतिहास है। आजादी के आंदोलन में भाग लेने वाली और भारत...
कांग्रेस का पहला अध्यक्ष, जिसने दो बार ब्रिटिश पार्लियामेंट जाने का असफल प्रयास किया

कांग्रेस पार्टी का इतिहास इस देश के बड़े हिस्से का इतिहास है। आजादी के आंदोलन में भाग लेने वाली और भारत की सबसे पुरानी अस्तित्वगत राजनीतिक पार्टी की वर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को अगला अध्यक्ष बनाए जाने की तरफ इशारा किया है। हालांकि राहुल गांधी ने फिलहाल इस मुद्दे पर बातचीत करने से इनकार किया है।

इससे पहले कांग्रेस नेता और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले सचिन पायलेट ने भी पीटीआई को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि दिवाली के बाद इस बात पर फैसला हो सकता है।

हालांकि इसमें कुछ भी चौंकाने वाला नहीं है। कांग्रेस के भीतर से इस तरह की मांग उठती रही है और दूसरों को भी पता ही रहा है कि सोनिया के बाद उनकी गद्दी पर कौन बैठेगा?

कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर बैठने वाले लोगों का लम्बा-चौड़ा इतिहास है। इसमें गोपाल कृष्ण गोखले, मदन मोहन मालवीय, महात्मा गांधी, सरोजिनी नायडू, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, के कामराज, नरसिम्हा राव जैसे बड़े नाम भी शामिल रहे हैं।

अक्सर लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं कि कांग्रेस का पहला अध्यक्ष कौन था। कुछ लोगों से बात कीजिए तो वो कांग्रेस की स्थापना करने वाले ए ओ ह्यूम को ही पहला अध्यक्ष मानते हैं जबकि ऐसा नहीं है। ए ओ ह्यूम द्वारा पार्टी की स्थापना को लेकर भी 'सेफ्टी वॉल्व' जैसी कई थ्योरी चलती हैं। कांग्रेस पार्टी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें आगे की किस्तों में होंगी। फिलहाल...

इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) और उसके अध्यक्षों से जुड़े कुछ तथ्यों पर निगाह डालते हैं।

1- कांग्रेस पार्टी की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को हुई थी। थियोसॉफिकल सोसायटी के सदस्य एलेन और रिटायर्ड सिविल सर्विसेड ऑफिसर ऑक्टेवियन ह्यूम ने दादाभाई नौरोजी, दिनशॉ वाचा जैसे संभ्रांत वर्ग से आने वाले लोगों के साथ इसकी स्थापना की। इसके लिए मद्रास (चेन्नई) में थियोसॉफिकल कंवेशन में 17 लोगों की एक मीटिंग हुई थी, जहां से ये विचार उपजा।

2- इसकी स्थापना का उद्देश्य था कि भारत के पढ़े लिखे लोगों और ब्रिटिश राज के बीच संवाद कायम किया जा सके। लेकिन धीरे-धीरे ये पार्टी ब्रिटिश राज के खिलाफ एक आंदोलन में तब्दील हो गई।

3- कांग्रेस की पहली मीटिंग पूना (पुणे) में होनी थी लेकिन तब वहां कॉलरा फैल गया था। इसलिए इसे बॉम्बे (मुंबई) शिफ्ट कर दिया गया।

4- वोमेश चंद्र बनर्जी (डब्ल्यू सी बनर्जी), जिन्हें उमेश चंद्र बनर्जी भी कहा जाता है, कांग्रेस के पहले चुने हुए अध्यक्ष थे। 1885 में 28 से 31 दिसंबर तक चलने वाली कांग्रेस की 72 लोगों की पहली मीटिंग में उनका चुनाव हुआ था।

दादा भाई नौरोजी कलकत्ता (कोलकाता) अधिवेशन में 1886 में कांग्रेस के दूसरे अध्यक्ष चुने गए।

5- इससे पहले 1865 में दादा भाई नौरोजी ने लंदन इंडियन सोसायटी बनाई थी, जिसके महासचिव बनर्जी थे।

6- वोमेश चंद्र बनर्जी कलकत्ता (में पैदा हुए थे और एक बैरिस्टर थे। वो ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस का चुनाव लड़ने वाले पहले शख्स भी थे, लेकिन चुनाव हार गए थे। उन्होंने ब्रिटिश पार्लियामेंट में जाने के दो असफल प्रयास किए।

7- फिरोज शाह मेहता के बाद 1892 के इलाहाबाद कांग्रेस अधिवेशन में बनर्जी अध्यक्ष थे लेकिन उन्होंने यहां ये पद छोड़ दिया था। इसके बाद वह ब्रिटेन चले गए जहां उन्होंने प्रिवी काउंसिल में वकालत शुरू कर दी। 1892 में दादा भाई नौरोजी ब्रिटिश पार्लियामेंट के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय थे। 1893 में दादा भाई नौरोजी, वोमेश चंद्र बनर्जी और बदरुद्दीन तैयबजी ने इंग्लैंड में पार्लियामेंट्री कमेटी बनाई।

8- 1905 तक कांग्रेस के पास ज्यादा लोगों का समर्थन नहीं था लेकिन लॉर्ड कर्जन के बंगाल विभाजन की घोषणा के बाद सुरेंद्रनाथ बनर्जी जैसे नेताओं ने इसे स्वदेशी से जोड़कर आंदोलन में बदल दिया।

9- 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटे। 1919 तक पहले विश्व युद्ध के खत्म होने तक गांधी कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे बन गए साथ ही देश के सबसे बड़े नेता भी। 1924 में बेलगाम अधिवेशन में उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया।

10- कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष एनी बेसेंट थीं, जबकि पहली भारतीय महिला अध्यक्ष सरोजिनी नायडू थीं।

11- 1951 से 1954 तक जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस अध्यक्ष रहे थे। 1959 में उनकी बेटी इंदिरा गांधी अध्यक्ष बनीं। इसके बाद वो 1978 से 84 तक अध्यक्ष थीं।

12- इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी को अध्यक्ष बनाया। राजीव 1991 तक अध्यक्ष रहे।

13- 1992 से 96 तक नरसिम्हा राव और 1996 से 98 तक सीताराम केसरी ने कांग्रेस की कमान संभाली। 1998 में सोनिया गांधी को अध्यक्ष चुना गया जो फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष हैं और अपनी बागडोर अपने बेटे राहुल को सौंपने की तैयारी में दिख रही हैं।

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