इस बीच एनजीटी ने कहा है कि श्रीश्री की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग के पास शुक्रवार तक जुर्माना भरने का समय है, उसके बाद कानून अपना काम करेगा। दूसरी ओर मीडिया में आ रही खबरों में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समारोह का उद्घाटन करने जाने वाले हैं। पहले ऐसी खबरें थीं कि मोदी भी शायद राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की तरह इस समारोह से किनारा कर सकते हैं। वैसे अब तक प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी है।
श्रीश्री रविशंकर ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि यमुना के पर्यावरण के नष्ट होने की बात निराधार है। उन्होंने यह भी दावा किया इस कार्यक्रम के लिए एक भी पेड़ नहीं काटा गया है। उल्टे इस कार्यक्रम के कारण यमुना की सफाई हो जाएगी। रविशंकर ने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम की तैयारी एक साल से चल रही थी मगर जानबूझकर कार्यक्रम से ठीक पहले विवाद खड़ा किया जा रहा है।
उधर, कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग को लेकर एनजीटी का रुख करने वाले पर्यावरण कार्यकर्ता मनोज मिश्रा ने गुरुवार को फिर से इस संस्था का रुख कर शिकायत की कि आर्ट ऑफ लिविंग ने पुलिस, अग्निशमन विभाग और सीपीडब्ल्यूडी जैसी एजेंसियों से अनुमति नहीं ली है। एनजीटी प्रमुख स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने बुधवार को कहा था कि आर्ट ऑफ लिविंग शुक्रवार तक पांच करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान कर सकती है और अगर वह ऐसा नहीं कर पाती है तो कानून अपना काम करेगा। इस कार्यक्रम में 35 लाख लोगों के भाग लेने की उम्मीद है।
वैसे जिम्बाब्वे के राष्टपति रॉबर्ट मुगाबे ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया। उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता मिला था। एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को भी आदेश दिया कि वे कार्यक्रम के आयोजकों को अपशिष्ट के निस्तारण एवं पेयजल के संदर्भ में उचित निर्देश दें।