राजधानी दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल में बुधवार से फिर से काम शुरु हो गया है। स्वास्थ्य सेवा निदेशालय द्वारा हॉस्पिटल का लाइसेंस कैंसल होने के बाद मैक्स ने दिल्ली नर्सिंग होम्स रजिस्ट्रेशन एक्ट-1953 की धारा-8 (3) के तहत वित्तीय आयुक्त (दिल्ली) में अपील किया था। इसके बाद वित्तीय आयुक्त ने लाइसेंस कैंसल रद्द करने के फैसले पर स्टे लगा दिया है। इसके बाद मैक्स हेल्थकेयर अथोरिटीज का कहना है कि हम हमारे मरीजों को उच्च क्वालिटी की सुविधाएं देने पर फोकस करेंगे।
Max Hospital Shalimar Bagh to resume operations from today, after obtaining a stay order by appropriate appellate authority, to whom they made an appeal against cancellation of license.
— ANI (@ANI) December 20, 2017
मैक्स हॉस्पिटल की तरफ से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है, हम गुणवत्ता के साथ मरीजों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करा रहे हैं और समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की मुफ्त चिकित्सा की अपनी प्रतबद्धता को पूरा कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने हॉस्पिटल के लाइसेंस को इसी महीने रद्द कर दिया था। हॉस्पिटल पर आरोप था कि जुड़वा नवजात बच्चे में से एक को मृत घोषित कर दिया था, जबकि वो एक सप्ताह जीवित रहा और एक हफ्ते बाद उसकी मृत्यु मेडिकल कारणों से हुई। हालांकि इस मामले पर दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है और कानूनी विभाग इस संबंध में देखेगा।
दूसरी तरफ, दिल्ली के एलजी की तरफ से जारी एक बयान में भी कहा गया है कि मैक्स हॉस्पिटल के लाइसेंस का मामला उनके पास नहीं है और यह कोर्ट के सामने है। साथ ही, यह भी कहा है कि मैक्स हॉस्पिटल से जुड़े अधिकारियों की मुलाकात एलजी से नहीं हुई है।
बता दें कि शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल में ऑपरेशन के जरिए एक 6 महीने की गर्भवती महिला वर्षा ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। अस्पताल ने दोनों बच्चों को मृत बताकर ‘शवों’ को पॉलिथिन में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया था।