छात्र परिषद के जिन सदस्यों को समिति के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था, उन्होंने भी आठ छात्रों के अनुचित शैक्षणिक निलंबन का हवाला देते हुए जांच प्रक्रिया में शामिल होने से इनकार कर दिया है। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग को लेकर छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे हैं और कक्षाएं बाधित होने को लेकर शिक्षकों के विचार बंटे हुए हैं।
जेएनयू शिक्षक संघ के सचिव विक्रमादित्य चौधरी ने कहा, विश्वविद्यालय ने जिस समिति का गठन किया है, उसमें मात्र तीन सदस्य हैं और वे सभी एक ही विभाग के हैं। यह एक बहुत गंभीर मामला है। हमें पैनल का गठन अधिक लोकतांत्रिक तरीके से करना चाहिए, जिसमें जेएनयू से बाहर के भी सदस्य हों जो मामले की निष्पक्ष जांच कर सकते हैं।