कुलपति अप्पा राव को पद से हटाने और रोहित की खुदकुशी के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के दबाव के आगे झुकते हुए विश्वविद्यालय ने कार्यकारी परिषद की बैठक बुलाई और छात्रों को दी गई सजा खत्म करने का फैसला किया गया। हालांकि, प्रदर्शनकारी छात्र चारों शोधार्थियों का निलंबन वापस लेने मात्र से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कार्यकारी परिषद के फैसले की प्रतियां जलाईं। पिछले साल सितंबर में रोहित सहित पांच दलित छात्रों को पूरे सेमेस्टर के लिए निलंबित कर दिया था। इन पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता सुशील कुमार पर हमले का आरोप था।
गौरतलब है कि इस निलंबन के बाद रोहित समेत 5 पांच छात्रों के यूनिवर्सिटी हॉस्टल, मैस और सार्वजनिक जगहों पर प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई थी। इस बहिष्कार के खिलाफ ये छात्र कई दिनों से खुले अासमान के नीचे सोकर अपना विरोध जता रहे थे। रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद शैक्षिक संस्थानों में दलित छात्रों के अपमान और उपेक्षा का मुद्दा गरमा गया है। दलित छात्रों के साथ हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में हुए सलूक और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के हस्तक्षेप के खिलाफ देश भर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।
इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन के अलावा स्थानीय केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। बंडारू दत्तात्रेय ने ही कार्रवाई के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा था। रोहित की खुदकुशी के मामले में पुलिस दत्तात्रेय के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है।
बृहस्पतिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हैदराबाद पहुंचे प्रदर्शनकारी छात्रों व रोहित के माता-पिता से मिले। छात्रों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी ने रोहित की खुदकुशी पर एक के बाद एक झूठ बोला और उनकी जाति को लेकर विवाद खड़ा करने की कोशिश की।
दलित होकर भी जनरल कोटे में पाया दाखिला
केजरीवाल ने कहा, रोहित दलित थे लेकिन वह आरक्षित कोटा से नहीं बल्कि अपनी प्रतिभा के बल पर आए थे। इस तरह का मेधावी छात्र जब आत्महत्या करता है तो यह पूरे देश और समाज के लिए शर्म की बात है। विश्वविद्यालय के कुलपति को तत्काल हटाए जाने की मांग करते हुए केजरीवाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय का अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखना, मुद्दे के संबंध में जांच करने से पहले किसी फैसले पर पहुंचने का उदाहरण है।