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SSC धांधली पर स्वराज इंडिया ने किए कई खुलासे, कहा- पीएम मोदी तोड़ें चुप्पी

कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) में धांधली को लेकर छात्र जहां आंदोलनरत हैं वहीं स्वराज इंडिया ने भी इसे लेकर...
SSC धांधली पर स्वराज इंडिया ने किए कई खुलासे, कहा- पीएम मोदी तोड़ें चुप्पी

कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) में धांधली को लेकर छात्र जहां आंदोलनरत हैं वहीं स्वराज इंडिया ने भी इसे लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं।शुक्रवार को स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेन्द्र यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि ज्यादातर सरकारी सीटें बिकी होती है। इस स्तर पर धांधली और भ्रष्टाचार बिना राजनीतिक शह के संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सबको पता है मेरिट के बजाए, पैसे और पैरवी से नौकरियां मिल रही हैं। युवाओं में अपने भविष्य को लेकर भारी अनिश्चितता और असुरक्षा है।

बता दें कि एएससी नौकरियों में भर्ती के लिए सबसे बड़ी चयन संस्थान है। सीजीएल, सीएचएसएल, एमटीएस, सीपीओ, जेई, स्टेनो, हिंदी अनुवादक, जीडी कॉन्स्टेबल जैसी कई परीक्षाओं का आयोजन एसएससी करती है।

स्वराज इंडिया की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि दुनिया के सबसे युवा देश के प्रधानमंत्री जो कई मुद्दों ट्वीट करते रहते हैं, देश के भविष्य से संबंधित इस संवेदनशील मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे हैं। कहा गया कि 11 दिनों से सड़क पर जीवन बिता रहे छात्रों से मिलने अब तक कोई भी सरकार का प्रतिनिधि नहीं आया है। स्वराज इंडिया ने मोदी सरकार पर वार करते हुए कहा कि केंद्र में शाषन कर रही पार्टी ने इस ऐतिहासिक आंदोलन को तोड़ने और कमजोर करने के लिए तरह-तरह की तिकड़मबाजी की है।

एक नाम से 700 से भी ज्यादा एडमिट कार्ड

स्वराज इंडिया ने आज खुलासा किया कि संदीप के नाम से, उसीके हस्ताक्षर और उसीकी फ़ोटो के साथ 700 से भी ज़्यादा एडमिट कार्ड मिले हैं। योगेंद्र यादव और अनुपम ने प्रेस वार्ता में कागजात पेश करते हुए बताया कि इन सभी प्रवेश पत्रों में एक ही परीक्षा केंद्र निर्धारित किया गया।

एमटीएस 2016 पर भी सवाल

इसके अलावा एमटीएस 2016 पर भी स्वराज इंडिया ने गंभीर सवाल उठाए। पार्टी का कहना है कि 10,300 भर्तियों के लिए होने वाली इस परीक्षा में भी धांधली होने के प्रथम दृष्टया सबूत हैं। एमटीएस 2016 की प्राथमिक परीक्षा 16 सितंबर 2017 से 31 अक्टूबर 2017 तक हुआ जिसका परिणाम जनवरी 2018 में आया। लगभग डेढ़ लाख छात्रों को पेपर 2 के लिए क्वालीफाई हुए जिनकी परीक्षा 28 जनवरी को हुई। इसके बाद कई छात्रों को संदिग्ध फ़ोन कॉल्स आने लगे जिसमें सीट की ख़रीद फ़रोख़्त की बात पता चली। फोन करने वाला खुद को एसएससी कर्मचारी बताते हुए छात्र को एक या दो अंक से कट-ऑफ छूटने की बात कहते थे। प्रेस वार्ता के दौरान ऑडियो रिकॉर्ड भी सुनाया गया जिसमें 50 हजार में परीक्षा के अंक बढ़ाने की बात हो रही थी। तभी खबर आई कि एसएससी ने 23,511 अभ्यर्थियों को सेलेक्ट करके कागजात वेरिफाई करने के लिए बुला लिया है। हैरत की बात है कि पेपर 2 की जांच के बिना ही अभ्यर्थियों को अचानक पेपर 1 को आधार बताकर चुन लिया गया।

सीजीएल टियर पर क्या बोले?

स्वराज इंडिया की ओर से कहा गया कि सीजीएल टियर 2 के 21 फरवरी की परीक्षा में जिस सचिन चौहान का स्क्रीनशॉट वाईरल हुआ था, उस बारे में एसएससी चेयरमैन का कहना है कि परीक्षा केंद्र के अंदर ही माइक्रोचिप से फ़ोटो ली गई होगी। लेकिन स्क्रीनशॉट में साफ़ तौर पर ऐसे दो सॉफ्टवेयर के आइकॉन्स देखे जा सकते हैं जिनसे रिमोट एक्सेस के सहारे किसी और जगह कम्प्यूटर का स्क्रीन साझा किया जा सकता है। जबकि किसी भी ऑनलाईन परीक्षा के सॉफ्टवेयर की शर्त होती है कि उसी कम्प्यूटर में इंटरनेट नहीं चलेगा।

स्वराज इंडिया ने कहा कि इन्हीं कारणों से छात्र एसएससी द्वारा आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं के कार्यप्रणाली की निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, ना कि सिर्फ सीजीएल टियर 2 (17 से 22 फरवरी) की।

सरकार गंभीर है तो मांगें मान ले...

स्वराज इंडिया ने मांग किया है कि केंद्र सरकार यदि देश के भविष्य के प्रति तनिक भी गंभीर हैं तो एसएससी छात्रों के दोनों मुख्य मांगों को मान लें। पार्टी की ओर से कहा गया कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि सरकारी नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया के मामले में भ्रष्टाचार खत्म करने के सार्थक प्रयास हो और पारदर्शिता जवाबदेही बने।

 

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