स्वराज इंडिया पार्टी ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के आवास का घेराव किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक वाहन पर एलईडी स्क्रीन लगा रखा था जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण चल रहा था। जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अविक साहा ने बताया कि कृषि मंत्री को सरकार का वादा याद दिलाने के लिए ऐसा किया गया। यह प्रदर्शन 20 नवंबर को होने वाले किसान संसद के प्रचार अभियान का हिस्सा था। खेती-किसानी की समस्याओं को लेकर देशभर के 184 किसान संगठनों के मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने दिल्ली में किसान संसद का ऐलान कर रखा है।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को फसल की लागत मूल्य पर 50% मुनाफे के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करने का वादा किया था। उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार किसानों को लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का वादा किया था। चुनाव घोषणा पत्र में भी भाजपा ने किसानों को उपज की लागत का डेढ़ गुना दाम देने का वादा किया था। लेकिन सत्ता में आते ही प्रधानमंत्री अपने वादे को भूल गए। इतना ही नहीं संसद के पिछले सत्र के दौरान कृषि मंत्री ने कहा था कि मोदी ने कभी भी एमएसपी से संबंधित वादा नहीं किया था। इसे याद दिलाने के लिए ही प्रदर्शनकारी मोदी का वीडियो चला रहे थे।
मेवात से आये किसान नेता रमज़ान चौधरी ने कहा कि कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर "कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय" रख देने से किसानों का कल्याण नहीं होगा। किसान कल्याण मंत्रालय बनाने वाले शासन में देश में किसान की आत्महत्याओं का ग्राफ तेजी से बढ़ा है।