आधार की गोपनीयता को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। अब आधार कार्ड की गोपनीय जानकारी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून ने दावा किया है मात्र 500 रुपये देकर किसी भी शख्स की आधार से जुड़ी जानकारी को खरीद सकते हैं। इस खुलासे के बाद कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने केन्द्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
500 रुपये दीजिए, 10 मिनट में सारी जानकारी लीजिए
खबर के अनुसार, यदि आपको आधार डेटा चाहिए तो बस पेटीएम के माध्यम से 500 रुपए देना होगा और 10 मिनट के भीतर सारी जानकारी आपको दे दी जाएगी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक रैकेट है जो कि गेटवे नाम के माध्यम से लॉग इन और पासवर्ड देगा। इसके बाद किसी का भी आधार नंबर उसमें डालने पर आपको उस नंबर पर उपलब्ध सारी जानकारियां मिल जाएगी।
UIDAI ने किया दावे को खारिज
UIDAI ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है। UIDAI का कहना है कि यह गलत रिपोर्टिंग का मामला है। UIDAI ने कहा, “हम भरोसा देते हैं कि आधार डाटा की कोई चोरी नहीं हुई है और यह डाटा पूरी तरह सुरक्षित और संरक्षित है।”
Unique Identification Authority of India denies media report titled “Rs 500, 10 minutes, & you have access to billion Aadhaar details” & calls it is a case of misreporting. UIDAI assures that there has not been any Aadhaar data breach & that the data is fully safe & secure: UIDAI pic.twitter.com/yvP8HQy180
— ANI (@ANI) January 4, 2018
विपक्ष ने लिया आड़े हाथ
इस मामले पर कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा है, “जिस योजना को यूपीए सरकार ने लोगों को विकास के दायरे में लागू करने के लिए चुना था, वह योजना अब एनडीए सरकार में आपके पहचान को चुराने का माध्यम बन गई है।”
Rs 500. That's all it takes for someone to steal the data of a billion citizens. Envisioned by UPA as a tool for inclusion, #Aadhaar has become an identity theft nightmare under the NDA. https://t.co/bj5AWLR9JU
— Congress (@INCIndia) January 4, 2018
वहीं माकपा नेता सीताराम येचुरी ने लिखा है कि क्या अब इस पागलपन को बंद करने के लिए और सबूत चाहिए?
The perils of making Aadhaar mandatory and linking it to bank accounts, as insisted upon by Modi govt, are visible here. Do we need more proof to stop this madness? https://t.co/9OEbitCmDO
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) January 4, 2018
एक तरफ जहां सभी सरकारी लाभकारी योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाने की कवायद तेज है। इस बीच निजता की सुरक्षा को लेकर सरकार नाकाम साबित होती दिख रही है।