इस सिफारिश को आईआईटी की समिति ने 17 मार्च को मंजूरी दी है। इस पर अंतिम निर्णय स्मृति ईरानी को करना है। आईआईटी परिषद की स्थायी समिति (एससीआईसी) की एक अन्य प्रमुख सिफारिश यह है कि योग्यता जांचने के लिए प्रस्तावित नई प्रवेश परीक्षा रूपरेखा वर्ष 2017 से होगी जिसे नेशनल अथॉरिटी ऑफ टेस्ट (एनएटी) संचालित करता है। ऐसी जानकारी मिली है कि इस संबंध में अंतिम निर्णय भी ईरानी पर निर्भर है।
सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि आईआईटी निदेशकों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के एक निकाय एससीआईसी ने एक बैठक में आईआईटी बाम्बे निदेशक देवांग खाखर के नेतृत्व वाली उप समिति द्वारा पूर्व में पेश रिपोर्ट मंजूर कर ली। उप समिति ने फीस बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने के साथ ही आईआईटी के वित्तपोषण के लिए विभिन्न स्रोतों की सिफारिश की थी। सूत्रों ने कहा, यद्यपि उप समिति से एक बार फिर इस पर विचार करने के लिए कहा गया है कि क्या ये फीस बढ़ोतरी उन छात्रों पर लागू होनी चाहिए जो स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ने वाले हैं क्योंकि वे फेलोशिप आधार पर अध्ययन कर रहे हैं। समिति ने साथ ही इस बात पर जोर दिया है कि प्रत्येक छात्र को विद्यालक्ष्मी योजना के तहत ब्याज मुक्त आधार पर एवं बिना जमानत के शैक्षिक ऋण मुहैया कराया जाना चाहिए।