प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, इस याचिका में अब कोई दम नहीं है। अखिलेश यादव चुनाव हार चुके हैं और अब तक तो बंगला खाली भी कर चुके होंगे। अब वह मुख्यमंत्री नहीं हैं। ऐसे में वह दोनों घरों को अपने पास कैसे रख सकते हैं।
इसके बाद गैरसरकारी संगठन लोक प्रहरी द्वारा दायर अपील पीठ ने खारिज कर दी। लोक प्रहरी ने इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ यह याचिका दायर की थी।
गौरतलब है कि संगठन ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था और आरोप लगाया था कि यादव आवासीय और कार्यालयी उद्देश्य से दो आधिकारिक बंगलों का इस्तेमाल कर रहे हैं और यह कब्जा अवैध है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि वह याचिका की सुनवाई राज्य में विधानसभा चुनाव पूरे होने के बाद करेंगे। भाषा