Advertisement

नोटबंदी के दौरान बैंकों के सामने कतार में छोटी-बड़ी कहानियां घट रही थीं

नोटबंदी के दौरान लोग लाइन में लगे थे। एक दूसरे से अपना गम बांट रहे थे। कुछ नहीं भी बांट रहे थे। लड़-झगड़...
नोटबंदी के दौरान बैंकों के सामने कतार में छोटी-बड़ी कहानियां घट रही थीं

नोटबंदी के दौरान लोग लाइन में लगे थे। एक दूसरे से अपना गम बांट रहे थे। कुछ नहीं भी बांट रहे थे। लड़-झगड़ रहे थे। कुछ नहीं लड़ रहे थे। कोई सरकार को कोस रहा था। कोई फैसले से गदगद था। किसी को शादी के लिए पैसों की चिंता थी। किसी को किराया देना था। यानी कतारों में ही कई छोटी-मोटी कहानियां चल रही थीं। इनमें से कई दर्दनाक थीं तो कई सुकून भरी थीं।

1. वह तस्वीर जो आम लोगों के दर्द का प्रतीक बन गई

इस दौरान एक बूढ़े शख्स की एक तस्वीर वायरल हुई थी। यह तस्वीर थी नंद लाल की। गुरुग्राम स्थित स्टैट बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच में चार घंटे खड़ा रहने के बाद भी जब 80 वर्ष के इस रिटायर्ड आर्मी मैन को पैसे नहीं मिले तो ये फूट-फूट कर रो पड़े थे। इस तस्वीर को नोटबंदी के दर्द को दिखाने का प्रतीक भी बना दिया गया।

इनका हवाला देते हुए सरकार के खिलाफ हमले और तेज हो गए। आलोचकों ने कहा कि सरकार का यह दावा गलत है कि नोटबंदी से सिर्फ भ्रष्ट अमीर निशाने पर आए हैं।

वायरल हुई तस्वीर

2. एटीएम लाइन में आदमी की मौत, किसी ने मदद नहीं की

नोटबंदी के दौरान 100 से ज्यादा लोगों के मरने की खबरें थीं लेकिन पश्चिम बंगाल में हुई एक मौत ने दहला दिया था। पैसे निकालने के लिए लगी लाइन में यह मौत हुई थी और इस शख्स की मदद के लिए कोई लाइन से हटा नहीं था, इस डर से कि कहीं उसका नंबर ना चला जाए।

यह घटना प. बंगाल के हुगली जिले की है। कल्लोल रॉय चौधरी एक सरकारी कर्मचारी थे। वह पैसे निकालने के लिए स्टेट बैंक के एक एटीएम के सामने खड़े थे। तभी उनके सीने में दर्द होना शुरू हो गया। इसके बाद वह सड़क पर गिर गए और उनकी मौत हो गई। जब उनके सीने में दर्द हो रहा था तो किसी ने उनका हाल नहीं जाना।

आधे घंटे बाद ATM के एक गार्ड ने देखा कि उनके शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही है। गार्ड उन्हें एक ऑटो-रिक्शा में हॉस्पिटल ले गया जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनकी मौत हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना पर ट्वीट भी किया था। उन्होंने कहा था, ”दुर्भाग्य से मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है। आज सुबह कल्लोल रॉय चौधरी ने एक SBI ATM के सामने दम तोड़ दिया। परिवार के प्रति सहानुभूति। मोदी बाबू सुन रहे हैं क्या?”

3. जब हुई एक बच्चे की डिलीवरी

कानपुर देहात के झींझक ब्लॉक के सरदारपुर जोगी डेरा गांव की रहने वाली सर्वेशा दो दिसंबर 2016 को पंजाब नेशनल बैंक में सुबह 9 बजे लाइन में लगी थी। वह गर्भवती थी। सुबह से शाम हुई तो सर्वेशा का दर्द बढऩे लगा। बैंकवालों ने इसके बाद भी उसे एंट्री नहीं दी। आखिरकार शाम 4 बजे बैंक की सीढ़िय़ों पर सर्वेशा का प्रसव हो गया। बैंक वालों ने बच्चे का नाम खजांची रख दिया।

अपने बेटे खजांची के साथ उसकी मां. फोटो- Nyooz.com

4. बैंक के आगे लाइन में बंट रही थी नि:शुल्क चाय

राजस्थान बड़ौदा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में अपने खातों से रुपए निकलवाने के लिए लाइन में खड़े लोगों को फकीर मैनेजमेंट सोशल वर्क भवानीमंडी ने नि:शुल्क चाय और पानी पिलाकर मानव सेवा का लाभ लिया। बैंक लाइन में खड़े उपभोक्ताओं ने पानी चाय पीकर बहुत राहत महसूस की। अध्यक्ष ईश्वर मेहरा ने बैंक के बाहर फ्री टी स्टाल लगा कर लोगों को चाय पिला कर जनसेवा का संदेश दिया। पीरू खान, मदनलाल, असलम चौधरी, ओम तिलक, सतीश पाठक ने सहयोग किया।

5. अलाव जलाकर बैंक खुलने का इंतजार

वहीं हिमाचल प्रदेश में सर्दी का मौसम भी नोट के लिए बैंक के सामने लग रही कतारों को रोक नहीं पाया। यहां लोग सुबह-सुबह अलाव जलाकर बैंक के खुलने का इंतजार किया करते थे।

6. जब आपस में भिड़ गए पुलिसकर्मी

यूपी के श्रावस्ती जिले में स्थित इलाहाबाद बैंक की मल्हीपुर शाखा के सामने 21 दिसंबर, 2016 की दोपहर को नोटबंदी के बाद पैसे निकालने वालों की लंबी कतार लगी हुई थी। पैसे पाने की आस में कई दर्जन महिलाएं और पुरुष कतार में लगे हुए थे। बैंक के बाहर सुरक्षा बंदोबस्त के लिए पुरुष और महिला पुलिसकर्मी तैनात थे। न जाने किस बात पर अचानक ही महिला और पुरुष पुलिसकर्मी के बीच तकरार शुरू हो गई। धीरे-धीरे दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया।

प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो कैमरे के दायरे में आने के पहले दोनों पुलिकर्मियों के बीच हाथापाई भी हुई थी। हालांकि जब पुलिसकर्मियों को इस बात का अहसास हुआ कि मीडियाकर्मी कैमरे के साथ मौके पर पहुंच चुके हैं तो दोनों पुलिसवालों ने खुद को किसी तरह काबू किया और अपनी-अपनी जगह पर जाकर बैठ गए। जाहिर है कैमरे की वजह से दोनों डर गए होंगे कि ड्यूटी के दौरान विवाद की वजह से उन पर विभागीय कार्रवाई हो सकती है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad