उत्तर प्रदेश के शामली जिले में भीड़ ने पांच महिलाओं को बच्चा चोर होने के शक में पीटा। पुलिस ने वीडियो फुटेज के आधार पर चार लोगों को गिरफ्तार किया है। एसपी का कहना है कि इसमें आगे भी गिरफ्तारियां होंगी। पीड़ित महिलाएं गुजरात से छोटा-मोटा सामान बेचने के लिए यूपी आई थीं।
अफवाह उड़ी और दुर्घटना घटी
इस घटना पर एसपी अजय कुमार पांडेय का कहना है, “कैराना में सूचना मिली कि पांच महिलाओं को स्थानीय लोगों ने पकड़ रखा है। जब हम घटनास्थल पर पहुंचे तो हमें बताया गया कि ये पांच महिलाएं खिलौने और रस्सी बेचने के लिए बाहर से आई हैं। उन्हीं में से किसी ने अफवाह उड़ा दी कि ये झूठ बोल रही हैं और वास्तव में ये बच्चा चोर हैं। इसके बाद बहुत से लोग इकट्ठा हो गए उनमें से कुछ लोगों ने महिलाओं को मारना शुरू कर दिया।”
अजय कुमार ने कहा कि महिलाओं से बात करने के बाद उन्होंने मामला दर्ज कर लिया है। वीडियो फुटेज के आधार पर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वीडियो फुटेज के आधार पर ही कुछ और लोगों को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
गुजरात की हैं पीड़ित महिलाएं
पीड़ित महिलाओं में से एक का कहना है कि वे लोग गुजरात से यहां व्यापार के सिलसिले में आई हैं। लेकिन लोगों ने बिना-कुछ जाने-समझे हमें मारना शुरू कर दिया। हम लोग बच्चा चोर नहीं हैं।
पहले भी शक की वजह से हुई हैं ऐसी घटनाएं
भारत में यह नया मामला नहीं है जब किसी व्यक्ति की शक के आधार पर पिटाई हुई है। इससे पहले पहलू खान, अखलाक समेत कई मामलों में ऐसा हो चुका है। पहलू खान मामले में तो आरोपियों के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिलने के कारण अपराधी बरी हो गए थे।
कुछ दिन पहले झारखंड में सरायकेला खरसावां में भी चोरी के शक में भीड़ ने बाइस साल के एक लड़के को इतना पीटा था कि इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई। बाद में उसकी पहचान तबरेज अंसारी के रूप में हुई थी।
बढ़ा है हेट क्राइम
2009 से 2019 तक हेट क्राइम के 287 मामले हुए हैं, जिनमें 98 लोगों जीवन की लड़ाई हार गए और 722 लोग जख्मी हुए। हेट क्राइम शिकार लोगों में सबसे ज्यादा 59 फीसदी मुस्लिम, 14 फीसदी हिंदू और 15 फीसदी ईसाई हैं। गोरक्षा के नाम पर 28 फीसदी पर हमला हुआ है। जबकि अलग-अलग धर्म के प्रेम प्रसंगों पर 13 फीसदी लोगों ने हमले झेले हैं। धार्मिक हिंसा पर 9 फीसदी और अन्य कारणों से 29 फीसदी हमले हुए हैं।